जर्जर नहरों ने बढ़ाई किसानों की परेशानियां - भीमगढ़ नहर से व्यर्थ बह रहा पानी, पेंच में भी बनेगी यही समस्या

Shab canals increase farmers problems - waste water flowing from Bhimgarh canal
जर्जर नहरों ने बढ़ाई किसानों की परेशानियां - भीमगढ़ नहर से व्यर्थ बह रहा पानी, पेंच में भी बनेगी यही समस्या
जर्जर नहरों ने बढ़ाई किसानों की परेशानियां - भीमगढ़ नहर से व्यर्थ बह रहा पानी, पेंच में भी बनेगी यही समस्या

डिजिटल डेस्क  सिवनी/गंगईरैयत । जिले की नहरों के हालबेहाल हैं। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। एक तरफ पेंच की नहरें जर्जर हैं जहां पर पानी छोड़ा गया तो पानी व्यर्थ बहने की पूरी संभावना है। वहीं दूसरी और भीमगढ़ बांध की खस्ताहल नहरों से कई गैलन पानी व्यर्थ बह रहा है। ऐसे में कई किसानों को जहां पानी नहीं मिल रहा तो जिनके खेतों में पानी जमा हो रहा है उनकी फसलें खराब होने के आसार बन गए। दोनों की स्थितियों में किसानों के सामने बड़ी आफत आ गई है।
नहरों की लाइनिंग नहीं
संजय सरोवर बांध की नहरें जर्जर स्थिति में  है। जब से नहरों का निर्माण हुआ तब से अब तक मात्र साफ सफ ाई और छुटपुट ही काम हुए हैं।40 वर्ष पुरानी नहरें दम तोड़ चुकी हैं। इन नहरों से किसानों के खेतों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाता। इसकी मुख्य वजह नहरों की लाइनिंग न होना। यहां से 40 प्रतिशत पानी व्यर्थ बह जाता है। सीपेज के कारण कई किसानों की फ सल चौपट हो जाती। किसानों की मांग है कि  वर्तमान स्थिति में आरबीसीनहर में अगर पक्की  नहरें बना दी जाए तो पानी भी बचेगा और प्र्याप्त पानी खेतों तक पहुंचेगा।
आखिरी छोर तक नहीं पहुंचता पानी
आज भी टेल (नहर काअंतिम छोर) में दर्जनों किसानों के खेत में आसानी से पानी नहीं पहुंच पाता। अधिकारियों के अनुसार बजट के आभाव में अभी तक नहरें पक्की नही हो पाई। बांयी तट नहर केवलारी के अंतर्गत कई गांव के किसानों की जमीन पर सीपेज का पानी पहुंचता है जिससे फसलें चौपट हो जाती है।  खापा ,बगलई ,पलारी ,केवलारी ,लोपा ,धनौरा,छुई ,कान्हीवाड़ा ,पलारी तिगड्डा समेत अन्य गांवों में यही समस्या है। वर्तमान स्थिति में 42 किमी की नहरों में कोई सुधार नहीं हो पाया है।
पानी छोड़ा तो बनेगी मुसीबतें
पिपरिया टोला ओर पेंच की  नहरें जर्जर है। किसान रघुनंदन राय, भूरा यादव, ठाकुर सिंह व अन्य ने बताया कि पिपरिया टोला बांध की नहर कई जगह से फूटी हुई हैं, ऐसे में अगर नहर चालू होती है तो पानी बेकार जाएगा और खेत भर सकते हैं। जल्द ही नहर शुरु होने वाली है। यदि उसको रोककर नहर को कांक्रीट से पक्का किया जाए तो ठीक होगा लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि शुक्रवार-शनिवार को पिपरिया टोला नहर से कुछ मात्रा में पानी छोड़ा गया था, जो कि आगे न बढ़कर खेतों में बहता रहा। क्षेत्रीय ग्राम पिपरिया टोला, बीसावाड़ी व आसपास नहर फूटी होने से पानी की बर्बादी की स्थिति बन रही है।
इनका कहना है
भीमगढ़ की नहरें पक्की नहीं होने से 40 फीसदी पानी बह जाता है।बजट के अभाव में पक्की नहरें नहीं बन पा रही। यदि बजट उपलब्ध हो जाएगा तो नहरों की लाइनिंग हो जाएगी।
श्रीराम बघेल, एसडीओ, सिंचाई विभाग

Created On :   24 Nov 2020 5:35 PM IST

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