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शहडोल - 300 एकड़ में विकसित हो रहा उच्च स्तरीय औद्योगिक क्षेत्र, 70 ' रोजगार मिलेगा स्थानीय लोगों को
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में उद्योगों की स्थापना को पंख मिलने वाले हंै। जिले को औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। ग्राम दीयापीपर में 300 एकड़ में उच्च स्तरीय औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसके लिए 38 हेक्टेयर जमीन आवंटित भी कर दी है। जिले में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के बाद यहां छोटे-बड़े हर स्तर के उद्योगों की स्थापना की राह आसान हो जाएगी। सबसे बड़ी बात इन उद्योगों में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता निवेश व रोजगार के तहत मप्र औद्यौगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के उपक्रम एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआईडीसी) क्षेत्रीय कार्यालय रीवा (संभागीय क्रियान्वयन एजेंसी) द्वारा दियापीपर में उच्चस्तरीय अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। यहां सूक्ष्म, लघ,ु मध्यम एवं वृहद श्रेणी के उद्योग स्थापित हो सकेंगे। पिछले दिनों एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्विनी प्रताप सिंह और उनकी टीम ने दियापीपर में आवंटित की गई जमीन का निरीक्षण किया है। जल्द ही इसके डीपीआर का काम शुरू होगा। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी और काम शुरू हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार अप्रैल तक इसका काम शुरू होने की उम्मीद है।
उद्योगों की स्थापना से बेरोजगारी की समस्या होगी दूर
जिले में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की कवायद रोजगार की समस्या के मद्देनजर भी तेज की गई है। जनसुनवाई सहित विभिन्न सरकारी आयोजनों में रोजगार दिलाने को लेकर भारी संख्या में शिकायतें आती हैं। अधिकारियों का मानना है कि औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के बाद उद्योगों का संचालन शुरू होता है तो रोजगार की समस्या कम हो जाएगी। जिले में मेडिकल, कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी की स्थापना हो चुकी है। इसके साथ ही पॉलीटेक्निक कॉलेज और आईटीआई पहले से ही संचालित हंै। उद्योगों का संचालन शुरू होने से यहां से पढ़कर निकलने वाले छात्रों को रोजगार के लिए कहीं और नहीं जाना होगा।
स्थानीय लोगों को रोजगार के आधार पर ही उद्योगों को मिलेगी सब्सिडी
इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप करने के लिए सारे दिशा-निर्देश शासन स्तर से ही कलेक्टर को दिए जा रहे हैं। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास ही है। प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीति के तहत शासन से यहां विकसित होने वाले उद्योगों को सब्सिडी लेने के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। अधिक से अधिक सब्सिडी के लिए 70 फीसदी तक रोजगार स्थानीय लोगों को देना जरूरी है। एमपीआईडीसी के अधिकारियों की मानें तो उनकी ओर से प्राप्त भूमि को विकसित करने की योजना तैयार है। जिले में कोयला, विद्युत व सीमेंट के अलावा अन्य वस्तुओं का उत्पादन शुरू हो सके, इसके प्रयास होंगे। सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष तक औद्योगिक क्षेत्र के लिए आवंटित जमीनों पर उद्योगों की स्थापना भी शुरू कर दी जाएगी।
यहां मिली जमीन
इंडस्ट्रियल एरिया के लिए ग्राम दियापीपर तहसील गोहपारू में 7 किता में 38.913 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। इसमें खसरा नंबर 5/1 रकवा 5.463 हेक्टेयर, खसरा 7 रकवा 0.445 हेक्टेयर, खसरा 9 रकवा 0.158 हेक्टेयर, खसरा 10/1 रकवा 0.329 हेक्टेयर, खसरा 11 रकवा 13.556 हेक्टेयर, खसरा 153/1 रकवा 10.066 हेक्टेयर और खसरा 157/1 रकवा 8.898 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
औद्योगिक क्षेत्र में तैयार होंगे 75 प्लॉट
दिया पीपर इंडस्ट्रियल एरिया में 75 प्लॉट तैयार किए जाएंगे। इसके लिए 300 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। वर्तमान में 38 हेक्टेयर भूमि का आवंटन हो चुका है। आसपास की खाली पड़ी जमीन भी इसके लिए लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में सड़क बिजली, पानी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) सहित उच्चस्तरीय अधोसंरचना तैयार की जाएगी। हर प्लॉट के लिए बिजली और पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी।
इनका कहना है
शहडोल में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है। इसके लिए दियापीपर में जमीन का आवंटन किया गया है। जल्द ही इसके डीपीआर पर काम शुरू होगा। अप्रैल तक अधोसंरचना विकास का काम शुरू होने की उम्मीद है।
अश्विनी प्रताप सिंह एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एमपीआईडीसी
Created On :   8 Feb 2020 8:48 AM GMT