शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी  पंचतत्व में विलीन, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि 

Shaheed Dhirendra Tripathi merges in Panchatattva, innocent son gives fire
शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी  पंचतत्व में विलीन, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि 
शहीद धीरेन्द्र त्रिपाठी  पंचतत्व में विलीन, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि 

 अंतिम यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता, पत्नी को नौकरी और गांव में प्रतिमा लगवाने का किया ऐलान "शहीद के परिवार के साथ हर पल खड़ी हैं सरकार 
डिजिटल डेस्क सतना।
सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के कांधीजल में आतंकियों की गोली का शिकार हुए सतना के लाल धीरेन्द्र त्रिपाठी की शहादत के बाद बुधवार को उनके गृहग्राम पडिय़ा थाना रामपुर बाघेलान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद ग्राम पहुंचकर पुष्प चक्र अर्पित करते हुए वीर जवान को नमन किया तो उनके परिवार को सरकार की तरफ से 1 करोड़ की आर्थिक सहायता पत्नी को सरकारी नौकरी और गांव में प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान किया। इससे पूर्व बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे सीआरपीएफ की टुकड़ी जब शहीद धीरेन्द्र का पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंची तो सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एकत्र होकर अपने लाड़ले सपूत के सम्मान में भारत माता की जय और धीरेन्द्र त्रिपाठी अमर रहे के नारे लगाकर बता दिया कि देश की रक्षा के लिए इससे बड़ा बलिदान दूसरा नहीं हो सकता। मुख्य सड़क से उनके घर तक सेना वाहन के साथ जन सैलाब पैदल चलता रहा,हर तरफ  जन समूह दिखाई दे रहा था और हर तरफ सुनाई दे रही थी,देश भक्ति के नारो की गूंज। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा, पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला, विधायक जुगल किशोर बागरी,  दिव्यराज सिंह, केपी त्रिपाठी, पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी, सीआरपीएफ के आईजी पीके पांडेय, रीवा कमिश्नर राजेश कुमार जैन के साथ प्रशासन व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शहीद जवान को भावभीनी विदाई दी। 
मां और पत्नी के आंसू देख हर आंख हुई नम
दो दिन से शहीद धीरेन्द्र को आखरी बार  देखने की आस लगाए बैठी मां उर्मिला त्रिपाठी और पत्नी साधना के सब्र का बांध पार्र्थिव देह पहुंचते ही टूट गया। उनकी आंखों से आंसुओं का सैलाब बह निकला तो करुण कं्रदन सुनकर मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। वहीं सीआरपीएफ में सहायक उपनिरीक्षक रामकलेश त्रिपाठी अपार दुख की इस घड़ी में भी परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी निभाते हुए चट्टान की तरह मजबूती से सभी को संभालते रहे। बेटे के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए उन्होंने आंसुओं को आंखों से बाहर नहीं निकलने दिया। 
तीन साल के कान्हा ने पिता को दी मुखाग्नि 
पिता की शहादत से अंजान तीन वर्ष का मासूम कान्हा अपने घर में उमड़े जन सैलाब और बिलखती मां व दादी को देखकर हैरान हो रहा था। इसी बीच अंतिम बार विदाई के लिए जब उसे पिता के पार्थिव शरीर के पास ले जाया गया तो सहज ही दोनों हाथ जोड़ लिया। अबोध बालक के इस रुप को देखकर लोगों के आंसू फूट पड़े। कान्हा ने वीर पिता का बेटा होने का परिचय देते हुए सैल्यूट मारकर बता दिया कि उम्र कम है मगर देश भक्ति का जज्बा भरपूर है। आखिर में अंतिम यात्रा के साथ मुक्तिधाम पहुंचे नन्हें कान्हा ने बेटे का फर्ज निभाते हुए देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने वाले पिता धीरेन्द्र को मुखाग्नि दी। 
सीएम ने बंधाया ढ़ाढस 
तकरीबन साढ़े 11 बजे पडिय़ा पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के बाद धीरेन्द्र के पिता,मां- पत्नी और बेटे को ढ़ाढस बंधाया। इस दौरान इकलौते बेटे की शहादत से गमगीन उर्मिला सीएम को देखते ही उनसे लिपट कर रोने लगीं। तब मुख्यमंत्री ने एक अभिभावक की तरह उन्हें संभाला। सीएम श्री चौहान ने कहा कि धीरेन्द्र ने भारत मां की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया,ऐसे अमर शहीद के चरणों में प्रदेश के सभी नागरिकों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। स्वर्गीय श्री त्रिपाठी को वापस तो नहीं लाया जा सकता,मगर राज्य शासन उनके परिवार के साथ खड़ा है। 
कलेक्टर एसपी ने दिया कंधा 
शहीद की अंतिम यात्रा में कलेक्टर अजय कटेसरिया और एसपी धर्मवीर सिंह ने शामिल होकर पार्थिव देह को कंधा दिया तो सीआरपीएफ के इस वीर जवान को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों में होड़ लग गई। हर कोई  आगे बढ़कर पार्थिव शरीर को अपने कंधे पर उठाने के लिए आतुर दिख रहा था। यहां पर आम और खास का अंतर भी मिट गया था।  
सीआरपीएफ के जवानों ने दी सलामी 
शहीद धीरेन्द्र को सीआरपीएफ के 31 जवानों की टुकड़ी ने तीन बार हवाई फायर कर श्रद्धांजलि दी तो उनके सम्मान में शस्त्र झुकाकर मातमी धुन बजाई। आखिरी क्षणों में भी भारत माता की जय और धीरेन्द्र त्रिपाठी अमर रहे के नारों से पडिय़ा गांव गूंजता रहा
 

Created On :   7 Oct 2020 7:23 PM IST

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