शेवाले ने कहा- सावरकर मामले में माफी मांगे बगैर राहुल, नहीं तो मुंबई में नहीं रखने देंगे पैर

Shewale said- Rahul without apologizing in the Savarkar case, otherwise he will not be allowed to set foot in Mumbai
शेवाले ने कहा- सावरकर मामले में माफी मांगे बगैर राहुल, नहीं तो मुंबई में नहीं रखने देंगे पैर
चेतावनी शेवाले ने कहा- सावरकर मामले में माफी मांगे बगैर राहुल, नहीं तो मुंबई में नहीं रखने देंगे पैर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने कहा है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मागेंगे तब तक उन्हें मुंबई में पैर नहीं रखने दिया जाएगा। लोकसभा में शिवसेना (शिंदे) के गुट नेता शेवाले ने शनिवार को शिवाजी पार्क में राहुल के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर, स्कूली शिक्षामंत्री दिपक केसरकर, विधायक सदा सरवणकर आदि नेता मौजूद थे। सांसद शेवाले ने कहा कि कुछ सालों पहले इसी तरह कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भी सावरकर का अपमान किया था। उस वक्त शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने अय्यर के खिलाफ जूते मारो आंदोलन किया था।उसी तरह आज हमने भी राहुल गांधी के खिलाफ "जूते मारो" आंदोलन कर उनके बयान का विरोध किया है। शेवाले ने कहा कि राहुल गांधी जब तक इस बयान के लिए माफी नहीं मांगते, उन्हें मुंबई में पैर रखने नहीं दिया जाएगा। शिवसेना सांसद ने कहा कि ढाई साल के दौरान सत्ता में रहते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कैबिनेट में सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव क्यों नहीं पारित किया।सांसद संजय राऊत ने भी संसद में यह मांग क्यों नहीं उठाई? यदि वे वास्तव में सावरकर का सम्मान करते हैं, तो उन्हें तुरंत महाविकास अघाड़ी छोड़ देनी चाहिए।

सावरकर को भारत रत्न देने के बहाने उद्धव की शिवसेना ने भाजपा को घेरा

दूसरी तरफ उद्धव के नेतृत्व वाले शिवसेना ने विनायक दामोदर सावरकर को "भारत रत्न"सम्मान न दिए जाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी के मुख पत्र में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि सावरकर को लेकर भाजपा और शिंदे गुट का प्रेम अचानक उफान पर है। पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" अच्छी चल रही थी। उन्हें सावरकर का विषय उठा कर भाजपा व शिंदे गुट को मसाला देने की जरुरत नहीं थी। पर राहुल गांधी को यह बात कौन बताए। सावरकर का अंग्रेजो के पास दया याचिका दायर करना गलत नहीं था। वे बाहर निकल कर देश के लिए कुछ करना चाहते थे। शिवसेना ने कहा है कि पिछले 8 वर्षों से केंद्र में भाजपा की सरकार है। इस दौरान शिवसेना लगातार सावरकर को "भारत रत्न" सम्मान देने की मांग करती रही है। पर ये लोग बहरे बने हुए हैं। क्या इसे सावरकर प्रेम का ढोंग न कहा जाए? भाजपा को नाग बताते हुए शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) ने कहा है कि राहुल गांधी बार-बार इन नागों को बिल से निकलने का अवसर क्यों देते हैं? यह संशोधन का विषय है।  

Created On :   19 Nov 2022 8:10 PM IST

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