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शिंदे ने कहा - अजित ही चला रहे थे ठाकरे सरकार, इसलिए उनकी परेशानी स्वभाविक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार पर पलटवार करते हुए कहा है कि अजित को नई सरकार को लेकर परेशान होना स्वभाविक है। क्योंकि पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार को अजित खुद ही चला रहे थे। इसलिए सत्ता से हटने के बाद उनका परेशान होना स्वभाविक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विश्वासघाती और बेईमान नहीं है। हमने जनता का विश्वास जीता है। इस बीच विपक्ष ने सरकार की चायपान का बहिष्कार किया।
महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून अधिवेशन की शुरुआत बुधवार से होगी। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिंदे गुट के विधायकों के धमकी वाले बयान का सरकार समर्थन नहीं करेगी। राज्य में कानून सभी के लिए एक समान है। शिंदे गुट के विधायक प्रकाश सुर्वे और विधायक संतोष बांगर से संबंधित मामले की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई सालों में महाविकास आघाड़ी सरकार के समय शिवसैनिकों के खिलाफ मकोका के मामले दर्ज किए जा रहे थे। यदि शिंदे गुट के विधायकों में सत्ता की मस्ती छा गई है तो पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार में क्या चल था? मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने आपदा के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मदद राशि देने का फैसला किया था। लेकिन नई सरकार ने अब आपदा प्रभावित किसानों को 13 हजार 600 रुपए प्रति हेक्टेयर देने का फैसला किया है। जबकि बगायती फसलों के लिए 15 हजार के बजाय 27 हजार रुपए प्रति हेक्येटर देने का फैसला किया है। फलबाग के नुकसान के लिए किसानों को 50 हजार के बजाय 1 लाख 8 हजार रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को प्रकृति का आशीर्वाद है। क्योंकि महाराष्ट्र के किसी भी तहसील में सूखा नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की टीम आपदा से हुए नुकसान को देखने के लिए 1 से 4 अगस्त के बीच महाराष्ट्र में आई थी।
आघाडी सरकार के फैसलों की करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार ने पूर्व महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसलों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। सरकार बदले की भावना से पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसले को रद्द नहीं करेगी। पूर्व की सरकार के अनावश्यक कामों की समीक्षा करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी कुछ आदेश जारी हुए थे।
शिंदे सरकार नहीं महाविकास आघाड़ी सरकार बेइमान थी- उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष की ओर से शिंदे सरकार को बेईमान करार देना आश्चर्यजनक है। लेकिन असल में पूर्व की महाविकास आघाडी की सरकार बेईमान सरकार थी। क्योंकि शिवसेना ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव के जनादेश और भाजपा की पीठ में छुरा भोंककर सरकार बनाई थी। फडणवीस ने कहा कि विपक्ष को शिंदे सरकार की बजाय अपनी एकजुटता कायम रखने के बारे में चिंता करनी चाहिए। विधान परिषद में विपक्ष का नेता पद पर शिवसेना को मिलने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार में आपदा के बाद मदद राशि घोषणा के 9 महीनों के बाद प्रभावितों को आर्थिक सहायता मिलती थी। लेकिन पिछले दो महीनों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण हुए किसानों को सरकार की ओर से जल्द मदद राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि शिंदे सरकार ने पूर्व की महाविकास आघाड़ी के फैसले पर रोक नहीं लगाई है। सरकार पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसलों का पुर्नलोकन कर रही है। क्योंकि जिस काम के लिए बजट में 100 रुपए का प्रावधान है। उसके लिए 500 रुपए की निधि बांट दी गई थी। एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि शिंदे सरकार में भाजपा कोटे के मंत्रियों के पास 60 फीसदी बजट वाले विभाग हैं तो शिवसेना (शिंदे) के पास 40 फीसदी बजट वाले विभाग।
Created On :   16 Aug 2022 9:08 PM IST