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कांग्रेस-राकांपा का साथ छोड़ने के लिए तैयार हुई शिवसेना, उद्धव की बैठक में पहुंचे सिर्फ 14 विधायक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भावनात्मक अपील के बावजूद शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के टस से मस न होने पर शिवसेना ने पार्टी को टूट से बचाने के लिए नया दांव चला है। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना सहयोगी दल राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास आघाड़ी से बाहर निकलने के लिए तैयार है लेकिन पहले शिंदे गुट के बागी विधायक अगले 24 घंटे के भीतर गुवाहटी से मुंबई में आए। राऊत के इस बयान से कांग्रेस और राकांपा नाराज हो गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले वर्षा पर शिवसेना विधानमंडल दल की बैठक हुई। इस बैठक में शिवसेना के 14 विधायक ही मौजूद थे। विधायकों को शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री सुभाष देसाई और शिवसेना सांसद राऊत ने संबोधित किया। बैठक में शिंदे गुट से बाहर निकलकर वापस लौटने वाले अकोला के विधायक नितीन देशमुख और उस्मानाबाद के विधायक कैलास पाटील ने आपबीती सुनाई।
पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि बागी विधायकों ने हिंदुत्व के मुद्दे को उठाया है। उनकी भूमिका है कि शिवसेना को महाविकास आघाड़ी से बाहर निकल जाना चाहिए। लेकिन यह बातें बागी विधायकों को सोशल मीडिया के जरिए नहीं करनी चाहिए। पहले शिंदे गुट के विधायक मुंबई आकर शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने अधिकृत रूप से अपनी भूमिका व्यक्त करें। फिर शिवसेना बागी विधायकों की मांग पर विचार कर सकती है। राऊत ने कहा कि मैं हवा में बात नहीं कर रहा हूं। बहुत ही जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि बागी विधायक 24 घंटे में मुंबई आकर ठाकरे के साथ बैठक करें।
शिवसेना के रुख से कांग्रेस-राकांपा नाराज
राऊत के इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला था। यदि शिवसेना महाविकास आघाड़ी से बाहर निकलती है तो कांग्रेस विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है। पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा नहीं था कि मुख्यमंत्री 24 घंटे में यूटर्न ले लेंगे। जबकि प्रदेश राकांपा अध्यक्ष तथा राज्य के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के बीच बुधवार रात को हुई चर्चा के दौरान ऐसी कोई बात नहीं हुई थी। राऊत ने अचानक इस तरह का बयान दिया है। इसको लेकर राकांपा के भीतर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। पाटील ने कहा कि शिवसेना का इतिहास रहा है कि पार्टी छोड़ने वाला विधायक अगले चुनाव में हार जाते हैं। इसलिए शिवसेना को विधायकों की संख्या को लेकर चिंता नहीं करना चाहिए। फिलहाल सरकार बचाने के लिए शिवसेना ने कोई फैसला लिया होगा तो हमें सूचित किया जाएगा। राकांपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने राऊत के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राऊत को इस तरह का बयान देने से पहले महा विकास आघाडी नेताओं से चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा राकांपा को विपक्ष में बैठने और जनता की लड़ाई लड़ने की आदत है। यह हमारे लिए नई बात नहीं है। सत्ता आती-जाती रहती है। लेकिन उन्हें एक बार हमारे नेताओं शरद पवार, अजित पवार व जयंत पाटील से बात करनी चाहिए था।
अजीत पवार ने छोड़ा सरकारी वाहन
इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सरकारी व वाहन का इस्तेमाल छोड़ दिया है। गुरुवार को अजित अपने निजी वाहन से पुणे से मुंबई के लिए रवाना हुए। हालांकि इस पर प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील ने सफाई दी कि जो वाहन उपलब्ध था अजित उसमें बैठे।
Created On :   23 Jun 2022 9:49 PM IST