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शिवाजी पार्क की बजाय सावरकर स्मारक सभागार में होगी शिवसेना की दशहरा रैली
- कोरोना संकट के कारण टूटेगा रिकार्ड
- सावरकर स्मारक में सभा कर संदेश देना चाहती है शिवसेना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवेसना की परंपरागत दशहरा रैली इस बार दादर के शिवाजी पार्क स्थित शिवतीर्थ पर नहीं होगी। कोरोना संकट के चलते शिवसेना ने अबकी बार रविवार को दशहरा रैली वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सभागार में आयोजित करने का फैसला किया है। सावरकर स्मारक शिवाजी पार्क मैदान के पास ही है। शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का सावरकर स्मारक में दशहरा रैली के आयोजन का फैसला एक बड़ी राजनीतिक चाल मानी जा रही है। शिवसेना इसके जरिए विपक्षी दल भाजपा के साथ सरकार में सहयोगी राकांपा और कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश कर रही है। दरअसल, राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद शिवसेना पर लगातार आरोप लगता आ रहा है कि पार्टी हिंदुत्व और वीर सावरकर के विचारों से दूर चली गई है। भाजपा ने पिछले साल दिसंबर महीने में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी को मुद्दा बना लिया था। सरकार में शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस का विचार वीर सावरकर विरोधी रहा है। इसी आधार पर भाजपा ने शिवसेना को सड़क से लेकर नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में सदन तक घेरा था। भाजपा हर मौके पर वीर सावरकर से जुड़े हर मुद्दे पर शिवसेना पर हमलावर रहती है। उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दशहरा रैली के मौके पर सावरकर स्मारक में जाएंगे। स्मारक के प्रवेश द्वार पर मुख्यमंत्री सावरकर की प्रतिमा को नमन करेंगे। समझा जा रहा है कि इससे मुख्यमंत्री एक बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगे कि शिवसेना भले ही राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार चला रही है लेकिन पार्टी वीर सावरकर के विचारों से दूर नहीं गई है। इससे पहले शिवसेना हर बार दशहरा रैली शिवाजी पार्क में आयोजित करती आई है। हालांकि इस पर भाजपा ने कटाक्ष किया है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि कांग्रेस के मुखपत्र में वीर सावकर को बलात्कारी बताने वाली कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे मुख्यमंत्री दशहरा रैली करने सावकर स्मारक आएंगे।
शिवसेना की आगामी भूमिका स्पष्ट करेंगे मुख्यमंत्री- राऊत
शिवेसना सांसद संजय राऊत ने गुरुवार को बताया कि दशहरा रैली के लिए सावरकर स्मारक के मंच से मुख्यमंत्री ठाकरे शिवसैनिकों को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री शिवसेना की आगामी भूमिका और कोरोना संकट को लेकर मार्गदर्शन करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कुछ प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। इसके अलावा कुछ नेताओं को आमंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है। शिवसैनिक सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री को सुन पाएंगे। राऊत ने कहा कि इस रैली में शिवसेना के मुख्यमंत्री भाषण करेंगे। इसलिए लोगों की काफी अपेक्षाएं हैं। राऊत ने कहा कि पिछले साल 2019 के दशहरा रैली के मौके पर मैंने कहा था कि साल 2020 के दशहरा रैली के अवसर पर मंच पर शिवसेना के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। सभी लोगों की कृपा से यह संभव हो पाया है। शिवसेना पिछले 55 सालों से शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन करती आई है। लेकिन कोरोना संकट के कारण शिवाजी पार्क में दशहरा रैली संभव नहीं है।
छोट-छोटे मामले में सीबीआई घुसने लगी थी
राऊत ने कहा कि सीबीआई महाराष्ट्र में छोटे-छोटे मामले में जांच के लिए घुसने लगी थी। महाराष्ट्र की जांच एजेंसी सक्षम है। लेकिन राज्य की पुलिस यदि किसी मामले की जांच शुरू करती है तो दूसरे राज्य में मामला दर्ज कर सीबीआई उसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश करती है। इसलिए राज्य सरकार ने कहा है कि सीबीआई को राज्य में जांच के लिए आने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी।
पवार ने कुछ सोचकर फैसला लिया होगा
राकांपा द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे एकनाथ खडसे को पार्टी में शामिल करने को लेकर राऊत ने कहा कि यह दोनों का राजनीतिक फैसला है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार यदि खडसे को पार्टी में शामिल कर रहे हैं तो उन्होंने जरूर कुछ विचार करके फैसला लिया होगा।
Created On :   22 Oct 2020 6:37 PM IST