मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदार जुर्माने की राशि चुकाए बगैर हो गए गायब 

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदार जुर्माने की राशि चुकाए बगैर हो गए गायब 

डिजिटल डेस्क कटनी । मिलावटी जांच अभियान के दौरान खाद्य औषधि विभाग के अधिकारी जहां दुकानों में दबिश देकर नमूने एकत्र कर रहे हैं, वहीं जुर्माना वसूलने में उन्हें पसीना भी छूट रहा है। विभाग में तीन से चार ऐसे दुकानदार हैं। जिनके ऊपर करीब सवा तीन लाख रुपए की राशि बतौर जुर्माने के रुप में है। इसके बावजूद ये दुकानदार जुर्माने की राशि नहीं दे रहे हैं। इसमें से तो कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं। जो विभाग  में भगौड़े भी साबित हो गए हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी हाथ में हाथ रखकर बैठे हुए हैं।
जुर्माने के बाद बंद दुकान
शहर में ही एक ट्रांसपोर्टर से मिथ्या छाप गुटखा की बीस बोरी पकड़ी गई थी। पहले तो गुटखे के नमूने का जांच कराया गया। जिसमें कई तरह की खामियां मिली। खामियां मिलने के बाद मामला न्यायालय में गया। यहां से दुकानदार के  ऊपर करीब पचास हजार का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना लगाने के साथ ही उसने अपनी दुकान बंद कर दी। सात साल के अंतराल में इस दुकानदार से फूटी कौड़ी भी खाद्य और औषधि विभाग नहीं ले सका।
नान स्टैण्डर्ड कोल्ड ड्रिंक्स
होशंगाबाद की एक कंपनी कटनी शहर में कोल्ड ड्रिंक्स सप्लाई करने का काम कर रही थी। वर्ष 2014 में नमूने लेकर जांच की गई तो वह मानक के अनुरुप नहीं मिला। कंपनी के ऊपर पचास हजार का जुर्माना लगाया गया। यहां पर अधिकारी नोटिस देकर कंपनी को जुर्माने की राशि जमा करने का न्यौता देते रहे। उधर कंपनी ने दुकान पर ताला जड़ दिया। इसके साथ और दुकानदार ऐसे हैं, जो औषधि विभाग का लाखों रुपए दबाकर बैठे हैं।
एक माह का देते हैं समय
न्यायालय द्वारा जुर्माने की राशि अधिरोपित करने के बाद दुकानदार को एक माह का समय दिया जाता है। इसके बावजूद दुकानदार जुर्माने की राशि जमा नहीं किए। विभाग के अधिकारी यह समझते रहे कि दुकानदारों ने राशि जमा कर दिया होगा। लेकिन जब उनसे राशि जमा करने के संबंध में जानकारी मांगनी चाही तो दुकानदार ही नहीं मिले।
इनका कहना है
जुर्माने की राशि के लिए एक माह का समय रहता है। जुर्माने की राशि जमा करने के बाद इसकी जानकारी दुकानदार को देनी होती है। बकाया को लेकर जब जांच की गई तो पाया गया कि तीन से चार दुकानदारों ने जुर्माने की राशि नहीं दी है। पता लगाने पर यह जानकारी प्रकाश में आई कि वे दुकान बंद कर दिए हैं। इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुकी है।
- डी.के.दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

Created On :   26 Nov 2019 2:38 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story