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पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी को हाईकोर्ट से राहत मिलने के संकेत, कोरोना से मौत पर मिला 60 लाख मुआवजा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के चलते जान गवाने वाले पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी को राहत देने के संकेत दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिसकर्मी को मिली मुुुुआवजे की रकम को उसकी पहली पत्नी, बेेटी व उसकी दूसरी पत्नी की बेटी को देने के बारे में विचार करेेंगे। पुुुलिसकर्मी को मुआवजे के रुप में 60 लाख रुपये मिले हैं। जिसे अदालत ने सरकार व रेलवे से फिलहाल कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। मंगलवार को न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दिवंगत पुलिसकर्मी की पहली पत्नी अपनी बेटी के साथ खंडपीठ के सामने उपस्थित हुई और दावा किया कि पुलिसकर्मी उनके साथ रहता था। इसलिए मुआवजे पर उनका हक है। इसका याचिकाकर्ता के वकील प्रेरक शर्मा ने खंडन किया। उन्होंने कहा की मेरे मुवक्किल के पिता पुलिस स्टाफ क्वाटर में अपनी बेटी के साथ रहते थे। इस दौरान उन्होंने अदालत के कई पुराने फैसले पेश किए, जिसमें कोर्ट ने दूसरी पत्नी की संतान को पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने के लिए पात्र माना है।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम पुलिसकर्मी की पहली पत्नी, उसकी बेटी व दूसरी पत्नी की बेटी के मुआवजे के हिस्से से जुड़े दावे पर विचार करेंगे। इसके साथ ही पहली पत्नी को याचिका पर अपना जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। याचिका के मुताबिक रेलवे पुलिस (जीआरपी) में सहायक पुलिस उपनिरीक्षक के रुप में तैनात पुलिस कर्मी का 30 मई 2020 को कोरोना के चलते निधन हो गया था। इसलिए राज्य सरकार और रेलवे की ओर से पुलिसकर्मी के परिजन के लिए मुआवजा दिया गया है। पुलिसकर्मी ने 1992 में पहला विवाह किया था। जबकि दूसरी महिला से 1998 में शादी की थी। लेकिन दोनों महिलाएं पुलिसकर्मी की मौत तक यह नहीं जानती थी कि उसके पति ने दो विवाह किए हैं।
Created On :   25 Aug 2020 6:46 PM IST