सिंहपुर गोलीकांड - निलंबित सब इंस्पेक्टर और आरक्षक भगोड़ा घोषित -कोर्ट ने दिए सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश

Sinhapur firing - Suspended sub-inspector and constable declared fugitive - Court orders to attach property
 सिंहपुर गोलीकांड - निलंबित सब इंस्पेक्टर और आरक्षक भगोड़ा घोषित -कोर्ट ने दिए सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश
 सिंहपुर गोलीकांड - निलंबित सब इंस्पेक्टर और आरक्षक भगोड़ा घोषित -कोर्ट ने दिए सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश

डिजिटल डेस्क सतना। गैर इरादतन हत्या के आरोप में फरार चल रहे सिंहपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी विक्रम पाठक और आरक्षक आशीष सिंह को न्यायालय ने भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी चल-अचल सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश दे दिए हैं, जिसके तहत पुलिस ने सब इंस्पेक्टर के सागर स्थित निवास के आधार पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट से संपर्क कर ब्यौरा जुटाया तो उसके नाम पर कोई सम्पत्ति दर्ज नहीं पाई गई। अलबत्ता बैंक एकाउंट में 80 हजार रूपए जमा थे, जिनकी कुर्की कर ली गई है। वहीं आरक्षक आशीष सिंह के नाम पर मैहर तहसील के मोहनिया गांव में दो जमीनें दर्ज मिलीं, जिन्हें न्यायालय नागौद के आदेश पर कुर्क कर लिया गया। इस निर्णय के साथ ही अब आरोपियों को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने की उम्मीद भी धूमिल हो गई है। पुलिस आरोपियों की अन्य सम्पत्तियों के बारे में पतासाजी भी कर रही है। इससे पूर्व डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह ने पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के प्रस्ताव पर आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाकर 20 हजार रूपए कर दिया था। 
72 दिन से फरार हैं दोनों आरोपी
27 सितम्बर की घटना के अगले दिन दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर लाइन अटैच करने के साथ ही धारा 304, 348 और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था, मगर आमद देने के बाद ही निलंबित थानेदार और आरक्षक गायब हो गए। तब से उनकी तलाश में बिहार के कटिहार और पटना के अलावा उत्तरप्रदेश के सुलतानपुर, बनारस समेत दमोह, सागर एवं अन्य संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दी गई। दोनों के पैतृक गांव एवं अन्य उपलब्ध ठिकानों पर नोटिस कर एक माह के भीतर कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का मौका दिया गया, मगर आरोपी हाजिर नहीं हुए। ऐसे में कोर्ट ने कड़ा कदम उठा लिया।
क्या है मामला
सिंहपुर थाने के अंदर तबके थाना इंचार्ज विक्रम पाठक की सर्विस रिवाल्वर की गोली लगने से नारायणपुर निवासी राजपति कुशवाहा की मौत हो गई थी। सब इंस्पेक्टर विक्रम और आरक्षक आशीष के विरुद्ध सिंहपुर थाने में आईपीसी की दफा 304, 348 और 34 के तहत अपराध दर्ज है। मामले की न्यायिक जांच के अलावा आईजी की एसआईटी भी बैठाई गई थी। नागौद के अपर सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका के बाद पुलिस लाइन से अटैच दोनों पुलिस वाले फरार हो गए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने दोनों पर 5-5 हजार के इनाम की घोषणा कर रखी है। फरार आरोपियों में से आरक्षक आशीष सिंह लूट का भी आरोपी है। इसके विरुद्ध दिसंबर 2019 में आईपीसी की धारा-392 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट नागौद की कोर्ट में अपराध दर्ज किया गया था।
 

Created On :   10 Dec 2020 12:39 PM GMT

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