भगोड़े थानेदार के लिए एसआईटी ने मांगी सिर्फ एक दिन की रिमांड 

SIT asks for one day remand for fugitive SHO
भगोड़े थानेदार के लिए एसआईटी ने मांगी सिर्फ एक दिन की रिमांड 
भगोड़े थानेदार के लिए एसआईटी ने मांगी सिर्फ एक दिन की रिमांड 

सरेंडर - रामपुरबघेलान थाने में कांस्टेबल सहित मुख्य आरोपी का नाटकीय आत्मसमर्पण, 5 माह से फरार थे दोनों  
डिजिटल डेस्क सतना।
एक संदेही की गैर इरादतन हत्या के आरोप में सिंहपुर थाने के एक हेड कांस्टेबल आशीष सिंह के साथ 5 माह से फरार चल रहे तबके थाना प्रभारी विक्रम पाठक को शुक्रवार को नागौद की जेएमएफसी कोर्ट में  पेश करने के बाद एसआईटी दोनों को महज एक दिन की पुलिस रिमांड पर अपने साथ ले गई। पुलिस के दावे के मुताबिक एमपी हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद दबाव में आए दोनों भगोड़ों ने रामपुरबघेलान थाने में आत्म समर्पण कर दिया। इनकी गिरफ्तारी के लिए आईजी ने 30-30 हजार के इनाम भी घोषित कर रखे थे। 
सबसे पहले कोरोना टेस्ट :-----
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के आत्मसमर्पण करने के  साथ ही सबसे पहले रामपुरबघेलान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डा.शैलेन्द्र सिंह से दोनों के रेपिड एंटीजन टेस्ट  के जरिए कोरोना का परीक्षण कराया गया।  इसके बाद पुलिस कस्टडी में आरोपी थानेदार और कांस्टेबल नागौद में यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नागौद रुपेश कुमार साहू की अदालत में पेश किए गए। पुलिस को ही लगभग 157 दिन छकाने वाले इन इनामी आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी ने महज एक दिन की पुलिस रिमांड ली। छोटी सी रिमांड अवधि के दौरान  क्या, एसआईटी आरोपियों की फरारी के दौरान उनके मददगारों, आर्थिक स्त्रोतों और छिपने-छिपाने के ठीहों के संबंध में भी पूछताछ करेगी? नागौद की जेएमफसी कोर्ट से भगोड़ा घोषित दोनों आरोपियों की रिमांड की अवधि  6 मार्च को दोपहर 4 बजे खत्म हो जाएगी।
मगर, सिंहपुर पुलिस को हवा तक नहीं :---------
इस मामले का दिलचस्प पहलू यह भी है कि जिस सिंहपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज है,उस थाने को हवा तक नहीं लगने दी गई। जबकि नागौद से 117 किलोमीटर दूर सिरमौर में बैठे एसआईटी के इंचार्ज पीएस परस्ते दोनों आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड लेने के लिए जेएमएफसी कोर्ट में हाजिर थे।  सिंहपुर थाने में तबके थानेदार विक्रम पाठक की सर्विस रिवाल्वर से चोरी के संदेही राजपति कुशवाहा (नारायण) की मौत पर वारदात के दूसरे दिन आईपीसी की  दफा 304, 348 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। इसी वारदात में एक आरक्षक आशीष सिंह भी इन्हीं धाराओं में आरोपी है।   न्यायिक जांच के अलावा आईजी ने भी सिरमौर के एसडीओपी पीएस परस्ते के नेतृत्व में 8 सदस्यीय एसआईटी बनाई थी।   
 साक्ष्य मिटाने की धारा नहीं :------
 गैर इरादतन हत्या के आरोपी विक्रम पाठक और आरक्षक आशीष सिंह की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए 26  फरवरी को एमपी हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता एपी सिंह ने आरोप लगाए थे कि वारदात के बाद थाने की लाइट बंद कर सबूत मिटाने के लिए सीसीटीवी फुटेज से छेडख़ानी की गई थी,मगर बावजूद इसके पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य मिटाने की धाराएं नहीं बढ़ाई हैं।

Created On :   6 March 2021 5:47 PM IST

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