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मोखा के अस्पताल में एसआईटी की दबिश, जब्त किए कई अहम दस्तावेज
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला, अब प्रोडक्शन वारंट के बाद होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर मामले में गिरफ्तार किए गए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया से पूछताछ करने व अपने साथ ले जाने जबलपुर आई गुजरात पुलिस की टीम को यहाँ से खाली हाथ लौटना पड़ा। जानकारों के अनुसार गुजरात पुलिस के आने से पहले ही मोखा को जेल पहुँचा दिया गया था ऐसी स्थिति में गुजरात पुलिस अब पूरी तैयारी के साथ प्रोडक्शन वारंट लेकर दोबारा जबलपुर आएगी और मोखा व देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए गुजरात ले जाएगी। वहीं एसआईटी ने सिटी अस्पताल पहुँचकर जाँच के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया है।
ज्ञात हो कि नकली इंजेक्शन मामले को लेकर गुजरात पुलिस की टीम कुछ दिनों पहले जबलपुर आई थी और यहाँ से दवा सप्लायर सपन जैन को अपने साथ ले गई थी। हिरासत में सपन से पूछताछ के बाद बुधवार की सुबह गुजरात पुलिस सपन व नकली इंजेक्शन मामले के मास्टर माइंड रीवा निवासी सुनील मिश्रा को लेकर जबलपुर पहुँची थी। यहाँ गुजरात पुलिस ने जबलपुर में दर्ज किए गए प्रकरण एवं जाँच प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और दस्तावेजों का अवलोकन किया। जानकारों के अनुसार गुजरात पुलिस इस मामले में गिरफ्तार किए गए सिटी अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाना चाहती थी लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत देवेश को अपने साथ नहीं ले जा सकी। गुजरात से आए पुलिस अधिकारियों का कहना था कि जल्द ही दोबारा पुलिस टीम प्रोडक्शन वारंट लेकर आएगी और मोखा व देवेश चौरसिया को गुजरात ले जाया जाएगा। वहीं इस मामले की समीक्षा करने आए एडीजी एसटीएफ चीफ विपिन माहेश्वरी ने एसआईटी अधिकारियों के साथ बैठक की और भोपाल रवाना हुए, वहीं एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भी गुजरात पुलिस के अधिकारियों से चर्चा कर जाँच प्रक्रिया में सहयोग की बात कही। टीम द्वारा सिटी हॉस्पिटल में दबिश देकर कुछ अहम दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। माना जा रहा है कि इनसे नकली रेमडेसिविर के गोरखधंधे के कुछ राज खुल सकते हैं।
महिला ने कहा - नकली इंजेक्शन से हुई मौत
कोहली के 164 के बयान दर्ज
जानकारों के अनुसार इस मामले में इंदौर से लाए गए प्रखर कोहली के कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज कराए हैं ताकि वह अपने बयान से मुकर न सके। वहीं पूछताछ में प्रखर ने एसआईटी को बताया कि कुछ समय पूर्व सिटी अस्पताल में उसके एक रिश्तेदार भर्ती थे। उसी दौरान उसकी पहचान अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया और संचालक मोखा से हुई थी। इसी के चलते उसने मोखा के कहने पर नकली इंजेक्शन की खेप इंदौर से बुक कराकर जबलपुर भेजी थी।
Created On :   14 May 2021 2:17 PM IST