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छंट रहे संकट के बादल, औद्योगिक इकाइयों को धीरे-धीरे मिल रही मजबूती, स्टेट बजट से भी उम्मीद

रियालिटी - कोरोना की मार से बुरी तरह प्रभावित हुआ उद्योग व कारोबार, डिफेंस और इंजीनियरिंग सेक्टर में अब भी चुनौती, केन्द्रीय बजट ने किया कुछ निराश, 20 फीसदी हाथों को अब भी काम वापस मिलने का इंतजार
डिजिटल डेस्क जबलपुर। ऐसा कोई व्यापार व क्षेत्र नहीं था, जो कोरोना संक्रमण काल में दम तोडऩे की कगार पर न पहुँचा हो। औद्योगिक क्षेत्र अधारताल, रिछाई, मनेरी और उमरिया-डुंगरिया की करीब 450 इंडस्ट्रीज में से कई में तो ताला लगने तक की नौबत आ गई थी। इन इकाइयों से जुड़े करीब 60 हजार श्रमिक घर बैठने मजबूर हो गए, लेकिन अब इन इकाइयों में धीरे-धीरे काम गति पकडऩे लगा है। औद्योगिक क्षेत्र के जानकारों की मानें तो करीब 80 फीसदी श्रमिकों के हाथों में काम आ गया है, लेकिन 20 फीसदी मजदूर अभी भी रोजगार की आस लगाए बैठे हुए हैं। इसका कारण कारण यह भी सामने आया है कि रक्षा उपकरणों और इंजीनियरिंग सेक्टर्स में अभी भी पर्याप्त काम नहीं। केन्द्रीय बजट ने भी निराश किया, लेकिन स्टेट बजट से अब भी बड़ी उम्मीदें हैं।
औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की मानें तो जो इकाइयाँ लॉकडाउन के दौरान बंद होने की कगार पर आ गई थीं, उनमें अब 70 फीसदी तक काम आ गया है। हालाँकि ये सभी फूड सेक्टर से जुड़ी हैं। बड़े उद्योगों के सामने अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, जो इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे कि बजट में उन्हें पैकेज मिलेगा मगर ऐसा न होने से उद्योग सेक्टर में मायूसी छाई हुई है। एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए 15700 करोड़ का वित्तीय आवंटन जरूर किया गया है लेकिन इसे उद्योगपति नाकाफी बता रहे हैं।
ये हैं चुनौतियाँ
* काम कम होने पर बैंक से लोन लेने वाली इंडस्ट्री को ब्याज ज्यादा लग रहा है।
* लॉकडाउन में जो रकम व्यापारियों के पास रुक गई थी, उसकी वापसी में आ रहीं दिक्कतें।
* पहले जितना कच्चा माल मँगाते थे मिल जाता था मगर कोरोना के बाद अब असमंजस की स्थिति बनती है।
* डिफेंस सप्लायर, इंजीनियरिंग सेक्टर, व्हीकल पाट्र््स की सप्लाई थम गई है।
ऐसे सँवरेंगी इकाइयाँ
* बैंक फाइनेंस कंपनी को एक साल तक ब्याज में राहत मिलना चाहिए।
* बैंकों की किश्तें कुछ दिनों के लिए सस्पेंड हुई थीं, यह अवधि एक साल तक बढ़ाई जाए।
* सेंट्रल बजट में राहत नहीं मिली मगर स्टेट बजट में सेक्टर के हिसाब से मिले फंड।
* काम बढ़ेगा तभी इकाइयाँ भी उभर सकेंगी।
फैक्ट फाइल
* शहर व आसपास करीब 450 इकाइयाँ हैं।
* जिनमें अधारताल में 125 यूनिट्स काम कर रहीं।
* रिछाई में 275 इकाइयाँ हो रहीं संचालित।
* मनेरी में भी करीब 60 यूनिटें हैं।
* उमरिया-डुंगरिया में 40 इंडस्ट्रीज हैं वर्किंग में।
Created On :   6 Feb 2021 2:07 PM IST