30 करोड़ की एलईडी लाइट लगाने की योजना विवाद में फँसी, नगरीय निकाय मंत्री ने दिए जाँच के आदेश

Smart City has given the task of installing street lights to the nodal agency of the Government of India
30 करोड़ की एलईडी लाइट लगाने की योजना विवाद में फँसी, नगरीय निकाय मंत्री ने दिए जाँच के आदेश
30 करोड़ की एलईडी लाइट लगाने की योजना विवाद में फँसी, नगरीय निकाय मंत्री ने दिए जाँच के आदेश

स्मार्ट सिटी ने भारत सरकार की नोडल एजेंसी को दिया है स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य, शिकायत के बाद जाँच कमेटी भी गठित

डिजिटल डेस्क जबलपुर । स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में 30 करोड़ रुपए की लागत से करीब 40 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाने का कार्य विवादों में आ गया है। एक शिकायत को आधार बनाते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने इस मामले की जाँच के आदेश जारी किए, जिसके बाद एक समिति बनाई गई और जाँच शुरू की गई है। शिकायत इस बात को लेकर की गई थी कि भारत सरकार की नोडल एजेंसी ईएसएसएल का कई राज्यों में बेहद खराब प्रदर्शन रहा है फिर भी उसे कार्य क्यों दिया गया। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी योजना से शहर की सारी पुरानी स्ट्रीट लाइट बदलकर एलईडी लाइट लगाने की योजना है। इस कार्य के लिए स्मार्ट सिटी ने भारत सरकार के उपकृत ईएसएसएल को चुना। कार्य शुरू हो पाता उससे पहले ही भोपाल के एक शिकायतकर्ता ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को शिकायत भेजकर कहा कि ईएसएसएल ने कई राज्यों में कार्य किया और उसकी रिपोर्ट खराब है। उन रिपोट्र््स का अध्ययन किए बिना ही स्मार्ट सिटी ने इतना बड़ा कार्य उसे कैसे दे 
दिया। शिकायत में यह भी कहा गया कि गोवा, गुडग़ाँव, हैदराबाद, चंडीगढ़, लखनऊ सहित कई अन्य जगह एजेंसी द्वारा किए गए कार्यों से प्रशासन संतुष्ट नहीं है। 
वित्तीय मॉडल का मूल्यांकन किया गया या नहीं
शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है िक कार्य सरकारी नोडल एजेंसी द्वारा िकया जा रहा है लेकिन क्या अन्य एजेंसियों के वित्तीय मॉडल का मूल्यांकन किया गया या नहीं, अन्य एजेंसियों से प्रस्ताव माँगे गए या नहीं। जब लॉक डाउन के दौरान सभी निविदाओं को आगे बढ़ाया गया तो ऐसे में इस कार्य का अनुबंध कैसे हो गया। 
चार सदस्यों की जाँच समिति बनी
बताया जाता है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग के अधीक्षण यंत्री ने 16 जून को आदेश जारी करते हुए जाँच समिति गठित की, जिसमें कार्यपालन यंत्री सुरेश डहेरिया, विजय बघेल, नगर पालिका परिषद पनागर की सहायक यंत्री सुश्री नम्रता बरारे और नगर पालिका परिषद गोटेगाँव के उपयंत्री चंदन सिंह को रखा गया है। 
इनका कहना है
स्ट्रीट लाइट का कार्य ईएसएसएल से कराने का आदेश स्मार्ट सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के जरिए हुआ है। चूँकि एजेंसी भारत सरकार का उपक्रम है इसलिए प्रदेश के अन्य शहर भी उसी के जरिए कार्य करा रहे हैं इसलिए हमने भी ऐसा ही किया। मुझे जानकारी मिली है कि आयुक्त नगर निगम से प्रतिवेदन माँगा गया है। 
-श्रीमती निधि सिंह राजपूतसीईओ स्मार्ट सिटी 

Created On :   6 July 2021 2:26 PM IST

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