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स्मृति शेष.... सनातन धर्म के ध्वज वाहक थे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, अर्पित किए श्रद्धा सुमन
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जगद््गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि झोतेश्वर के शास्त्री रविशंकर महाराज के सान्निध्य में संपन्न होगी। इस दौरान काशी विश्वनाथ के विद्वान आचार्यगण मौजूद रहेंगे। परमहंसी गंगा आश्रम के स्वामी अचलानंद के अनुसार रविवार रातभर महाराजश्री के पार्थिव शरीर को विभिन्न तीर्थों के जल से स्नान कराया जाएगा। सुबह उन्हें परमहंसी आश्रम की परिक्रमा कराने के उपरांत विधि-विधान, पूजन-अर्चन के साथ समाधि स्थल पर समाधि दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 98 साल की आयु में रविवार को ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में 3:31 बजे अंतिम साँस ली। स्वामी स्वरूपानंदजी सरस्वती हिंदुओं का सबसे बड़े धर्मगुरु थे। उनके शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी। स्वामी शंकराचार्य आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।
साधुओं इस तरह दी जाती है भू-समाधि
जानकारों के अनुसार शैव, नाथ, दशनामी, अघोर और शाक्त परम्परा के साधु-संतों को भू-समाधि दी जाती है। भू-समाधि में पद्मासन या सिद्धि आसन की मुद्रा में बैठाकर भूमि में दफनाया जाता है। अक्सर यह समाधि संतों को उनके गुरु की समाधि के पास या मठ में दी जाती है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदजी सरस्वती को भी भू-समाधि उनके आश्रम में दी जाएगी। उनके ब्रह्मलीन होने पर राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं ने शोक जताया है।
- विश्व हिन्दू परिषद महाकौशल प्रांत ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सनातन धर्म का ध्वजवाहक बताया। श्रंद्धजलि सभा के दौरान प्रांत संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह चौहान, प्रांत सह मंत्री प्रदीप गुप्ता, विभाग मंत्री पंकज श्रीवात्री, जिला मंत्री विजय यादव, राजेश पटेल, राजेश रैकवार, सुमित सिंह ठाकुर आदि मौजूद रहे।
- जदयू प्रदेश अध्यक्ष सूरज जयसवाल ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए महाप्रयाण को भारत वर्ष की अपूर्णीय क्षति बताया है। मारवाड़ी समाज, महेश्वरी समाज एवं अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के अध्यक्ष शराब काबरा ने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं।
- स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने पर ब्राह्मण मंडल, जबलपुर ने संस्कार सिटी कॉलोनी में शोक सभा आयोजित करके उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राजेन्द्र तिवारी, पीएल दुबे, डॉ. केके गर्ग, राजकुमार पाण्डेय, रामकरण दुबे, राजू दुबे, महेश चौबे आदि मौजूद रहे।
- श्री जानकीरमण परिवार की ओर से शरदचंद पालन, डॉ. अभिजात कृष्ण त्रिपाठी, आचार्य आशुतोष दीक्षित यूएस दुबे, अभिमन्यु जैन, सुरेश मिश्र विचित्र, डॉ आनंद सिंह राणा आदि ने हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए शोक व्यक्त किया है।
- कमला नेहरू नगर, गढ़ा रोड व्यापारी संघ, जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स, धनुष यज्ञ रामलीला, संपूर्ण हिंदू श्रंखला परिवार के तत्वाधान में आज सोमवार को सुबह 11 बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम लेबर चौक में आयोजित किया जाएगा।
- श्री नगर पंडित सभा ने श्रद्धांजिल अर्पित कर कहा कि भारतीय संस्कृति के पुरोधा एवं स्वतंत्रता संग्राम में अमिट भूमिका निभाने वाले स्वामी स्वरूपानंद हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके बताए रास्ते से प्रेरणा लेकर हम मानव कल्याण कर सकते हैं। इस मौके पर अध्यक्ष पं अखिलेश त्रिपाठी, पं देवेंद्र त्रिपाठी, पं सुशील दुबे, पं रोहित दुबे, पं सुरेन्द्र दुबे, पं वासुदेव शास्त्री, पं रमेश दुबे, पं अशोक पाण्डे, पं संतोष दुबे, पं संजय मिश्रा आदि मौजूद रहे।
स्वामी स्वरूपानंद जी का ब्रह्मलीन होना धार्मिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है, जो कभी पूरी नहीं की जा सकती। मैं उनका शिष्य हूँ, उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। मैं झोतेश्वर के लिए रवाना हो रहा हूँ।
दंडी स्वामी कालिकानंद सरस्वती प्यारेनंद महाराज, संचालक कालीधाम भटौली
जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद जी का गोलोक गमन से स्तब्ध हूँ, सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों से वे हमेशा हमारे बीच विद्यमान रहेंगे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
डॉ स्वामी नरसिंह दास महाराज, नरसिंहपीठाधीश्वर
महाराजश्री के देवलोक गमन से धर्म क्षेत्र को बड़ी क्षति हुई है। उनके बताए मार्ग का अनुसरण कर हम देश तथा मानव जाति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं झोतेश्वर के लिए रवाना हो रहा हूँ।
ब्रह्मचारी चैतन्यानंद महाराज, बगलामुखी मंदिर, जबलपुर
- हिंदू धर्म सम्राट जगदगुरू शंकराचार्य जी के देवलोकगमन का सत्य बहुत दुखद है। वे बड़े ही सहज और सरल थे व सन्तो के प्रति अधिक प्रेम भाव रखते थे। स्वामी जी विभिन्न आध्यात्मिक एवं धार्मिक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने वाले अत्यंत लोकप्रिय संत थे।
जगदगुरू सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघव देवाचार्य
महाराज श्री का ब्रह्मलीन होना सारे धार्मिक क्षेत्र के लिए, सामाजिक क्षेत्र के लिए, राजनीति क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि। 3 वर्ष पूर्व उनके चातुर्मास के समय उनके दर्शन करने गया था उस समय वे सभी सन्यासी विद्यार्थियों को पंचदशी का पाठ पढ़ा रहे थे, समझा रहे थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि 96 वर्ष की आयु में वे इतनी स्पष्टता से बोल रहे हैं। उनके सान्निध्य में आनंद की अनुभूित हुई। उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।
स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज, सकेतधाम ग्वारीघाट
Created On :   11 Sept 2022 10:04 PM IST