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दूसरे विवाह से प्राप्त पुत्र भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए हो सकती है पात्र

डिजिटल डेस्क,नागपुर। पहला विवाह वैध होने के बावजूद किए गए दूसरे विवाह से प्राप्त संतान भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश को मद्देनजर रखते हुए कैट ने सेंट्रल रेलवे, नागपुर को एक आवेदक सचिन (परिवर्तित नाम) को अनुकंपा नियुक्ति देने का विचार करने को कहा है। नौकरी के दौरान मृत्यु को प्राप्त उसके पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए सचिन ने सेंट्रल रेलवे में आवेदन किया था, लेकिन सेंट्रल रेलवे 21 मार्च 2018 को उसका आवेदन खारिज कर दिया था। रेलवे बोर्ड ट्रिब्यूनल ने भी रेलवे के आदेश को कायम रखा। जिसके बाद आवेदक ने कैट की शरण ली थी। कैट ने मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश जारी किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. अनिल बांबल ने पक्ष रखा।
वंचित रखना अपमानजनक
सचिन के पिता विनोद रेलवे में कार्यरत थे। विनोद का एक विवाह पहले ही हो चुका था, इसके बावजूद बिना पहली पत्नी को तलाक दिए दूसरा विवाह कर लिया था। दूसरे विवाह से उसे सचिन का जन्म हुआ। 14 जनवरी 2005 को नौकरी में रहते पिता की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में जब सचिन ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन किया, तो रेलवे ने यह दलील देकर उसका आवेदन खारिज कर दिया, कि अवैध रूप से किए गए दूसरे विवाह से जन्मी संतान को रेलवे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे सकता। मामला जब कैट में पहुंचा तो कैट ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश को मद्देनजर रखा। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने माना था कि दूसरे विवाह से उत्पन्न संतान को इस तरह अनुकंपा नियुक्ति से वंचित रखना सही नहीं है। बच्चे अपने पालकों को नहीं चुन सकते हैं, ऐसे में उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखना अपमान और आपत्ति जनक निर्णय है। इसे आधार मानते हुए कैट ने रेलवे को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए हैं।
Created On :   7 Sept 2019 3:31 PM IST