डॉक्टर से रिश्वत लेने के मामले में एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी जांच में दोषी

SP, TI took liens, proved charges in investigation
डॉक्टर से रिश्वत लेने के मामले में एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी जांच में दोषी
डॉक्टर से रिश्वत लेने के मामले में एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी जांच में दोषी

डिजिटल डेस्क, कटनी. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विशंभर प्रसाद लालवानी से 10 लाख रूपये वसूलने के मामले में तत्कालीन एसपी गौरव राजपूत और माधव नगर थाने में कोतवाल रही गायत्री सोनी सहित एक प्रधान और तीन आरक्षक दोषी बनाए गए हैं। आरोपों की जांच कर रहे बालाघाट एडीजी जी जनार्दन ने जांच में इन्हें दोषी पाया है। एडीजी ने अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भी सौंप दी है। पुलिस मुख्यालय अब जांच में दोषी पाए गए आईपीएस सहित सभी छह पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच कराएगा।

मामला 29 दिसंबर 2015 का है, जब भाजपा नेत्री एवं कोटवार संघ की अध्यक्ष रहीं प्रतिभा बजाज की आग में बुरी तरह जलने से जबलपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। कटनी जिला अस्पताल में पुलिस को दिए प्राथमिक बयान में प्रतिभा ने स्वीपर सोनिया उर्फ जयंती लंगोटे को खुद की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। जबलपुर में मौत से पहले दिए बयान में पांच लोगों को जिम्मेदार बताया था। इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों ने बयान को पुलिस और पीड़ित पक्ष की साजिश करार दिया था। माधवनगर पुलिस ने धारा 306 आईपीसी के तहत सोनिया उर्फ जयंती, श्याम भाला, संदीप श्रीचंदानी, अर्जुन श्रीचंदानी, कमल मोहनानी को आरोपी बनाया। जिसमें डॉ. लालवानी को इस मामले में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रूपये वसूले गए थे।

पुलिस पर आरोप

डॉ. लालवानी ने करीब एक साल पहले शपथ पत्र के साथ जो आरोप लगाकर शिकायत पुलिस महानिदेशक को सौंपी थी, उसके मुताबिक तत्कालीन एसपी गौरव राजपूत ने उन्हें इस केस में फंसाकर जेल भेजने, चिकित्सा लाइसेंस निरस्त करने एवं क्लीनिक में ताला लगाने की धमकी दी थी। इसके बाद 30 दिसंबर 2015 को निरीक्षक गायत्री सोनी को चार आरक्षकों के साथ नई बस्ती स्थित क्लीनिक भेज दिया, जहां गायत्री सोनी ने उनसे 10 लाख रूपए लिए। दो दिन बाद फिर तत्कालीन माधवनगर टीआई गायत्री सोनी ने उन्हें अकेले में बुलाकर कहा कि एसपी इतने पैसों में नहीं मान रहे है और पैसे चाहिए।

धोखाधड़ी कर दिलाई जमीन

डॉ. लालवानी ने बताया कि मृतका प्रतिभा बजाज के पति प्रकाश बजाज ने उन्हें धोखाधड़ी करके सरकारी जमीन विक्रय करा दी थी। इस मामले में प्रकाश बजाज के खिलाफ साल 2014 में पुलिस में प्रकरण दर्ज हुआ था। मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है। प्रकाश बजाज ने यह प्रकरण वापस लेने और प्रतिभा बजाज की मौत में एसपी से मिलकर मेरा नाम घसीट रहा था। डॉ. लालवानी ने कहा है कि न्याय अभी भी जिंदा है। मैंने जो शिकायत की थी जांच में सही साबित हुई। मुझे न्याय मिला, इससे मैं खुश हूं।

छिंदवाड़ा डीआईजी भी कर चुके है जांच

करीब एक वर्ष पहले डीजीपी को सौंपी गई शिकायत की जांच डीजीपी के आदेश पर तत्कलीन छिंदवाड़ा डीआईजी राकेश सिंह कर रहे थे। बताया जाता है कि उक्त जांच में प्रमाणित सबूतों का अभाव बताते हुए तत्कालीन एसपी, तत्कालीन माधवनगर टीआई एवं उक्त चारों आरक्षकों को लाभ पहुंचाया गया था। 

Created On :   6 July 2017 12:12 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story