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शरद पवार के घर पर एसटी कर्मचारियों का हमला, फेंके चप्पल और पत्थर- सीएम ने दिए सख्त कार्रवाई का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी) के लगभग 150 कर्मचारी शुक्रवार की दोपहर अचानक राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पर दावा बोल दिया। गुस्साए कर्मचारियों ने पवार के घर पर चप्पल-पत्थल फेंके। इस दौरान राकांपा अध्यक्ष पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले घर पर ही थीं। इस दौरान कर्मचारियों ने पवार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अचानक शुरु हुए आंदोलन को खुफिया विभाग की असफलता माना जा रहा है। राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच इस घटना के लिए जिम्मेदार माने जा रहे एसटी कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते को देर शाम पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
शुक्रवार को दोपहर करीब 3 बजे एसटी के सैकड़ों हड़ताली कर्मचारी अचानक पवार के घर पहुंच गए। इसके बाद एक घंटे तक जमकर हंगामा और नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को गेट पर रोकने कोशिश की लेकिन गुस्साए कर्मचारी पवार के घर तक पहुंच गए। आंदोलन करने वाले एसटी कर्मचारियों ने कहा कि हम लोग पिछले साल नवंबर से हड़ताल कर रहे हैं। लेकिन पवार ने एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलय की मांग के बारे में कुछ नहीं किया। हड़ताल के दौरान एसटी कर्मचारियों की हुई मौत के लिए भी पवार ही जिम्मेदार हैं।
मैं चर्चा करने को तैयारः सुप्रिया सुले
एसटी के कर्मचारियों के हंगामे को देखते हुए राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने हाथ जोड़कर कई बार कहा कि मैं आप लोगों से चर्चा करने के लिए तैयार हूं। लेकिन पथराव और चप्पल फेंकने से समस्या का हल नहीं निकलने वाला है। घर में मेरे पिता-माता और बच्चे हैं। पहले मुझे उनकी सुरक्षा देखने दीजिए। इस दौरान राकांपा के कार्यकर्ताओं ने भी कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी की। एसटी कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद पवार से मिलने के लिए प्रदेश के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे समेत कई नेता पहुंचे।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने कहा कि हम एसटी कर्मचारियों के साथ खड़े हैं लेकिन कर्मचारियों के गलत नेतृत्व के साथ नहीं हैं। उनका इशारा एसटी कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते की ओर था। उन्होंने कहा कि यदि नेतृत्व करने वाला नेता होशियार नहीं होता तो उसका कार्यकर्ताओं पर क्या दुष्परिणाम होता है? यह आज की घटना से दिख गया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के घर पर हुआ हमला निंदनीय है। मुख्यमंत्री ने पुलिस को इस घटना की जांच करके सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पवार के घर पर हुए हमले के लिए कौन जिम्मेदार है। इसकी जांच कर आंदोलन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सोची समझी रणनीति के तहत हुआ हमला- गृह मंत्री
प्रदेश के गृहमंत्री दिलीप वलसे- पाटील ने कहा कि पवार के घर पर हुए हमला सोची समझी रणनीति के तहत हुआ है। अज्ञात शक्ति के बिना इस तरह की घटना नहीं हो सकती। गृहमंत्री ने कहा कि इस घटना में खुफिया विभाग की नाकामी का पता लगाया जाएगा। इस संबंध में पुलिस को उचित निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जबकि प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने कहा कि पवार के घर पर पथराव करने वाले एसटी कर्मचारियों की जांच होगी। जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में उचित फैसला लिया जाएगा। परब ने एसटी कर्मचारियों से काम पर लौटने की भी अपील की। राकांपा नेता व राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि एसटी कर्मचारियों के वकील सदावर्ते के भाषण की जांच होनी चाहिए। उन्होंने एसटी कर्मचारियों को भड़काने का काम किया।
घटना दुर्भाग्यपूर्णः फडणवीस
वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पवार के घर पर हुई घटना बिल्कुल गलत है। किसी नेता के घर पर इस तरह के आंदोलन का समर्थन नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर एसटी कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते ने दावा किया कि कर्मचारियों ने पवार के घर पर हमला नहीं किया है। कर्मचारियों ने केवल अपना रोष व्यक्त किया है। सरकार इस घटना की जांच कराए। जिससे सच्चाई का पता चल जाएगा। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि एसटी के कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है। कर्मचारी निराश हो गए हैं। एसटी कर्मचारियों के पास कोई विकल्प नहीं है। इसलिए कर्मचारियों ने पवार के घर पर आंदोलन किया।
बोंडे की आपत्तिजनक बयानबाजी
जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व कृषिमंत्री डॉ अनिल बोंडे ने कहा कि अब पवार को यह घोषित करना चाहिए की जिस राज्य में उनकी सुरक्षा नहीं हो पा रही है, वहां आम जनता का क्या होगा। उन्होंने कहा कि पवार खुद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए सिफारिश करेंगेॽ भाजपा नेता ने कहा कि पवार का खराब अंतिम समय शुरु हो चुका है। फ्रांस के राजा को वहां की जनता ने चौराहे पर फांसी दे दी थी। इसकी थोड़ी बहुत पुनरावृत्त महाराष्ट्र में होते दिखाई दे रही है।
Created On :   8 April 2022 8:44 PM IST