ट्रेनिंग लेने के बाद भी वेंटिलेटर  चलाना भूल गईं जिला अस्पताल की स्टाफ नर्सें 

Staff nurses of district hospital forgot to run ventilator even after taking training
 ट्रेनिंग लेने के बाद भी वेंटिलेटर  चलाना भूल गईं जिला अस्पताल की स्टाफ नर्सें 
 ट्रेनिंग लेने के बाद भी वेंटिलेटर  चलाना भूल गईं जिला अस्पताल की स्टाफ नर्सें 

डिजिटल डेस्क सतना। वैश्विक महामारी के जानलेवा दौर में जिला अस्पताल का एक  शर्मनाक सच तो यह है कि 2 बार ट्रेनिंग लेने के बाद भी 4 स्टाफ नर्सें वेंटिलेटर चलाना भूल गई हैं। आलम यह है कि जिला अस्पताल के 8 वेंटिलेटर यहां महज शो पीस बन कर रह गए हैं। वेंटिलेटर को आपरेट करने के लिए इन नर्सों को बेंगलुुरु भेज कर ट्रेनिंग दिलाई गई थी,लौटने के साथ ही नर्सें प्रशिक्षण भूल गईं। बात दबी रह जाती लेकिन मार्च में कोरोना वायरस के संक्रमण की आंधी से वेंटिलेटर की जरुरत बढ़ गई। आनन फानन में इन्हीं नर्सों की याददाश्त को ताजा करने के लिए अप्रैल-मई के बीच एक बार फिर से ऑनलाइन ट्रेनिंग दिलाई गई, लेकिन जिला अस्पताल की इन भुलक्कड़ स्टाफ नर्सों को बावजूद इसके कुछ याद नहीं है। 
 शार्ट सर्किट से फुंक भी चुका है एक वेंटिलेटर 
जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी नहीं है। मौजूदा समय में एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट) में लगे 3 में से एक वेटिंलेटर शार्ट सर्किट के कारण जहां खराब हो चुका है। इसके अलावा इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू)   मैटरनिटी विंग,मेजर आपरेशन थियेटर में 2-2 और ट्रामा यूनिट में एक वेंटिंलेटर लगा है। इसी बीच अस्पताल प्रबंधन के दावे के मुताबिक मौजूदा समय में वेटिंलेटर्स की कमान भोपाल से तबादले पर आईं डा. लक्ष्मी मोहनानी (एमडी मेडिसिन) ने संभाल रखी है। 
 और, उधर 48 घंटे की जगह 37 दिन बाद मिली अधूरी जानकारी 
इसी बीच इसी मामले से जुड़ा एक सफेद झूठ भी सामने आया है। आरटीआई एक्टिविस्ट और एडवोकेट राजीव खरे ने सूचना के अधिकार के तहत 14 सितंबर को सीएमएचओ से जिला अस्पताल में वेंटिंलेटर की स्थिति और टेक्नीशियन से संबंधित जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा-7 (1) के परंतुक में प्रावधान के तहत जीवन से जुड़ी यह जानकारी 48 घंटे के अंदर लिखित तौर पर उपलब्ध कराई जानी थी। मगर, बावजूद इसके सीएमओ ने 21 सितंबर को इस संदर्भ में सिविल सर्जन को पत्र लिख कर जानकारी देने के निर्देश दिए। विलंब होने पर राजीव खरे ने जब राज्य सूचना आयोग से शिकायत की चेतावनी के साथ स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रीय संचालक (आरडी) के समक्ष 12 अक्टूबर को प्रथम अपील की तो कागजी घोड़े दौडऩे लगे। रहस्यमयी अंदाज में श्री खरे को 21 अक्टूबर की डिस्पैच डाक में 3 नवंबर को सीएस का पत्र  ( पत्र क्रमांक सूचना का अधिकार/ 2020/ 3895 दिनांक 21 अक्टूबर 20) मिला। जिसमें बताया गया कि जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर हैं लेकिन शासन स्तर से ट्रेंड टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं की गई है। 
मगर आरडी ने खोल दी पोल 
लेकिन इसी मसले पर नया मोड़ तब आ गया जब आरटीआई एक्टिविस्ट राजीव खरे को भेजे पत्र में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रीय संचालक (आरडी) ने स्पष्ट किया कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी सही नहीं है। पत्र में स्पष्ट किया गया है जिला अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए ट्रेंड टेक्नीशियन नियुक्त हैं। आरडी ने इसी पत्र में सीएस को 7 दिन के अंदर सही जानकारी देने के निर्देश भी दिए हैं लेकिन सूचना के अधिकार के तहत 48 घंटे के अंदर चाही गई जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट को अभी तक नहीं दी गई है। 
इनका कहना है 
सूचना के अधिकार अधिनियम में जीवन से जुड़ी जानकारियों को  48 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का प्रावधान है,लेकिन उन्हें 37 दिन बाद दी गई जानकारी अधूरी ही नहीं असत्य भी है। सही जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। 
राजीव खरे,आरटीआई एक्टिविस्ट
 

Created On :   7 Dec 2020 5:40 PM IST

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