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15 फीट से गिरा स्टेलियन का चेसिस, 4 कर्मी बाल-बाल बचे, दौड़े भागे और जान बचाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर। वाहन निर्माणी जबलपुर में फिर लापरवाही हुई और सुबह-सुबह फिर बड़ा हादसा हुआ। सेक्शन-वन में 1 टन के चेसिस को उठाकर खड़ी हुई क्रेन की जंजीरें अचानक दूसरी क्रेन से टकरा गई। पूरा चेसिस हाइड्रोलिक प्लेटफार्म पर जा गिरा। गनीमत रही कि ऐन वक्त पर क्रेन के नीचे काम कर रहे 4 कर्मचारी भाग खड़े हुए। 20 दिनों के भीतर यह दूसरा बड़ा हादसा है। व्हीएफजे के प्लांट-वन में सुबह तकरीबन 11 बजे स्टेलियन की असेंबलिंग की जा रही थी। एस-ए लाइन में एक्सल, व्हील ड्रम, शाफ्ट फिट करने के बाद स्टेलियन वाहन के चेसिस को लाइन ट्रैक पर रखने के िलए क्रेन से उठाया गया। पास में ही खड़े कुछ कर्मचारियों की निगरानी में यह काम चल रहा था। जैसे ही जंजीरों पर लोड आया और मूवमेंट हुआ, जंजीरें बगल से खड़ी दूसरी क्रेन से जा फंसी। एक झटके के साथ चेसिस धड़ाम से नीचे आ गिरा। कर्मचारियों ने फुर्ती दिखाई और पलक झपकते ही दूर हट गए। गनीमत रही कि कोई भी चपेट में नहीं आया। गौरतलब है कि 14 दिसंबर को ही इसी प्लांट में ठीक इसी तरह का हादसा हो चुका है, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इसके बाद भी रखरखाव पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही।
प्लांट में हंगामा
हादसे के साथ ही प्लांट में भगदड़ की स्थिति बन गई। मेंटेनेंस से जुड़े अधिकारी भी तत्काल मौके पर पहुंच गए। सभी संगठनों के श्रमिक नेताओं ने मेंटेनेंस विभाग की घेराबंदी की। श्रमिक नेताओं का कहना रहा कि रखरखाव में हद दर्जे की लापरवाही की जा रही है। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों ने प्रशासन के खलाफ नारेबाजी भी की। हंगामे की स्थिति काफी देर तक बनी रही।
बढ़ता जा रहा जोखिम
वक्र्स कमेटी अध्यक्ष प्यारेलाल दवाकर का कहना रहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से कर्मचारियों की जान पर जोखिम बढ़ता जा रहा है। मेंटेनेंस को लगातार नजर अंदाज कर सिर्फ टारगेट हासिल करने पर जोर दिया जा रहा है। इस तरह की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
हमारे पास न स्टाफ, न ही टाइम
सुरक्षा संस्थानों मे हर एक मशीनरी के रखरखाव के लए सख्त नियम तय किए गए हैं। व्हीएफजे में क्रेनों के मेंटेनेंस के लिए भी टाइमिंग तय है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मेंटेनेंस केलए स्टाफ की भारी कमी है, दूसरी तरफ वक्त भी नहीं है। मेंटेनेंस स्टाफ को अगर रविवार को ड्यूटी पर बुलाया जाता है तो सोमवार को उनके अवकाश लेेने से और बड़ी परेशानी आ सकती है। लिहाजा, जितना समय दिया जा सके, उसे ही पर्याप्त माना जा रहा है।
Created On :   2 Jan 2018 1:22 PM IST