मौत होने के बाद भी क्लेम देने तैयार नहीं स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी..! 

Star Health Insurance Company is not ready to pay claim even after death..!
मौत होने के बाद भी क्लेम देने तैयार नहीं स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी..! 
मौत होने के बाद भी क्लेम देने तैयार नहीं स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी..! 

पॉलिसी धारकों ने कहा - बीमा कंपनी के जिम्मेदारों के विरुद्ध होना चाहिए जालसाजी का मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
बीमा कंपनियाँ जब तक पॉलिसी धारकों से संपर्क में रहती हैं, जब तक की वे पॉलिसी रिन्यू न करा लें। रिन्यू होने के बाद बीमा कंपनियाँ उन्हें भूल जाती हैं। अगर धोखे से पॉलिसी धारक का कोई बीमित सदस्य बीमार पड़ जाए और अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो बीमा कंपनी मुँह मोड़ लेती है। कैशलेस से इनकार करने के बाद जब बीमा में बिल सबमिट किए जाते हैं तो तरह-तरह के बिलों व दस्तावेजों की माँग की जाती है। सारे दस्तावेज जब बीमा कंपनी में उपलब्ध कराए जाते हैं तो उसमें क्वेरी निकालकर महीनों चक्कर लगवाए जाते हैं और उसके बाद अनेक खामियाँ निकालकर बीमित का क्लेम निरस्त करने का गोलमाल स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार हमारे साथ धोखा कर रहे हैं और जिम्मेदार हमारी सुध नहीं ले रहे हैं। 
 पति की मौत के बाद पत्नी भुगतान पाने भटक रही
सगड़ा निवासी श्रीमती माया लहंगर ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति राजेश द्वारा स्टार हेल्थ से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ली गई थी। पॉलिसी लेते वक्त बीमा कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों ने वादा किया था कि हम हर वक्त आपकी मदद के लिए खड़े रहेंगे। पति राजेश अचानक बीमार हुए और चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें अपोलो अस्पताल मैसूर में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा। वहाँ पर इलाज के दौरान वे ठीक हो गए थे। जबलपुर आने पर  दोबारा उनका फिर से स्वास्थ्य खराब हो गया और उपचार के दौरान 20 जनवरी 2018 को पति की मौत हो गई। इलाज के दौरान बीमा कंपनी ने किसी तरह का सहयोग नहीं दिया और न ही उनकी मौत के बाद। क्लेम करने पर अनेक क्वेरी निकालीं और उसके बाद बीमा कंपनी के जिम्मेदारी अधिकारियों ने नो क्लेम कर दिया। अनेक पत्र देने के बाद भी बीमा कंपनी किसी तरह की मदद करने तैयार नहीं है।
इलाज के बिलों में कटौती करके किया भुगतान
सदर केंट निवासी मो. ईदरीश ने बताया कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हमने पॉलिसी ली थी। पॉलिसी वे लंबे समय से संचालित करते आ रहे हैं। अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर स्मार्ट सिटी अस्पताल में 7 से 16 फरवरी 2019 तक भर्ती होना पड़ा था। इलाज के दौरान बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया। शिकायत में बताया कि बीमा कंपनी के ब्रांच मैनेजर का कहना था कि आप अभी अपने पास से सारे बिल पे कर दें। आप जब बिल हमारे कार्यालय में सबमिट करेंगे तो सारा भुगतान कर दिया जाएगा। ब्रांच मैनेजर के जवाब के बाद ईदरीश ने अस्पताल का 97 हजार का बिल अपने पास से भुगतान कर दिया और उसके बाद सारे बिलों को बिना कंपनी में ऑनलाइन जमा कर दिया था। बीमा कंपनी ने अनेक क्वेरी निकालीं और उसके बाद पॉलिसी धारक के बिल में 40 हजार की कटौती कर दी और कटौती के कारणों का जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। 
 

Created On :   5 July 2021 11:18 AM GMT

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