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कोरोना पॉजिटिव बीमित को कर दिया स्टार हेल्थ ने नो क्लेम..!
पीडि़तों ने कहा- भुगतान न करना पड़े इसके लिए कई खामियाँ निकाल रहीं बीमा कंपनी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । आम लोग इस उम्मीद के साथ बीमा पॉलिसी कराते हैं जिससे उन्हें जरूरत पडऩे पर हरसंभव मदद मिल सके। जब बीमित को उपचार के लिए बीमा कंपनी की आवश्यकता होती है तो बीमा कंपनी पहले तो अस्पतालो में कैशलेस से मना कर देती है और पॉलिसीधारक को सारा भुगतान जेब से करना पड़ता है। बीमित अपने इलाज की राशि पाने के लिए बीमा कंपनी में क्लेम करता है तो अनेक प्रकार के दस्तावेज माँगे जाते हैं जो कि पहले से पॉलिसीधारक जमा कर चुका होता है। बीमित को दोबारा वही दस्तावेज फिर से बीमा कंपनी में सब्मिट करना पड़ता है। सारी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद बीमा कंपनी के द्वारा अनेक खामियाँ निकाली जाती हैं और उसके बाद पॉलिसीधारक के घर नो क्लेम का लैटर भेज दिया जाता है। बीमित नो क्लेम के बारे में जानना चाहता है तो उसे बीमा कंपनी के द्वारा किसी तरह की जानकारी नहीं दी जाती है। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी हमारे साथ जालसाजी कर रही है ।
सारे बिल देने के बाद भी बीमा कंपनी भुगतान देने तैयार नहीं
महानद्दा के समीप रहने वाले ज्ञानरंजन त्रिवेदी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ से पॉलिसी ली थी। उनकी पॉलिसी पाँच लाख की है। 28 मार्च को कोरोना के संक्रमण से वे ग्रसित हो गए थे। उन्हें गंभीर अवस्था में नेशनल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उनका उपचार चला और एक लाख से अधिक का बिल बना। अस्पताल से बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल भेजा गया था पर बीमा कंपनी ने कैशलेस से इन्कार कर दिया। ज्ञानरंजन के अनुसार ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल सब्मिट किए गए थे लेकिन बीमा कंपनी ने फिर से दोबारा दस्तावेज माँगे। दस्तावेज माँगने पर उनके द्वारा बीमा कंपनी के सर्वेयर सचिन गुप्ता को पत्र दिए गए और उनके द्वारा जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया पर बीमा कंपनी ने क्लेम पास करने के बजाय नो क्लेम का लैटर पॉलिसीधारक के घर भेज दिया। बीमित का आरोप है कि सर्वेयर व बीमा कंपनी के क्लेम हेड रवि तिवारी जानबूझकर क्लेम रिजेक्ट कर रहे हैं।
भर्ती रहकर इलाज कराया पर क्लेम नहीं दे रही कंपनी
गंजीपुरा निवासी सिद्धार्थ जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी ले रखी है। पाँच साल से वे लगातार प्रीमियम जमा करते आ रहे हैं। 7 जून को तकलीफ होने के कारण अपैक्स अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। डॉक्टर के द्वारा सर्जरी करने के बाद 24 घंटे अपनी निगरानी में रखा गया और बीमा कंपनी को कैशलेस करने पत्र भी भेजा गया पर बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया। ठीक होने के बाद बीमित ने बीमा कंपनी में क्लेम किया। बीमा कंपनी ने ऑनलाइन सारे डॉक्यूमेंट अपलोड किए थे। बीमा कंपनी ने कहा था कि जल्द ही सेटलमेंट किया जाएगा। दोबारा वही दस्तावेज बीमा कंपनी ने माँगे जो वह जमा कर चुका था। पीडि़त का कहना है सारी क्वेरी पूरी करने के बाद भुगतान के इंतजार में था और अचानक बीमा कंपनी ने नो क्लेम का पत्र भेज दिया। उसमें कारण उल्लेख किया गया कि 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होने का क्लेम बीमा कंपनी नहीं देती है। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी के द्वारा पॉलिसीधारक से गलत व्यवहार किया जा रहा है।
इनका कहना है
** दस्तावेज जमा करने के बाद उनका क्लेम जल्द सेटल किया जाएगा। पॉलिसीधारक ने अस्पताल के दस्तावेज पूरे अपलोड नहीं किए हैं। उनके द्वारा सारी रिपोर्ट सब्मिट करने के बाद जल्द सेटलमेंट करा दिया जाएगा। -कुलदीप मिश्रा, स्टार हेल्थ
** सिद्धार्थ जैन का क्लेम क्यों रिजेक्ट किया गया है इसका परीक्षण हम अपनी टीम से कराएँगे। परीक्षण उपरांत उनका जो भी क्लेम बनता है उसका सेटलमेंट कराने का प्रयास हमारी तरफ से किया जाएगा।
-कैलाश गोथवाल, मंडल प्रबंधक ओरियंटल इंश्योरेंस
Created On :   10 July 2021 4:33 PM IST