किन्नरों के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने नहीं तय की नीति

State government did not decide the policy for the reservation of eunuchs
किन्नरों के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने नहीं तय की नीति
मैट नाराज किन्नरों के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने नहीं तय की नीति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण (मैट) ने किन्नरों के लिए  राज्य सरकार द्वारा अब तक आरक्षण नीति न तय किए जाने पर अप्रसन्नता जाहिर की है। इसके साथ ही  मैट ने राज्य सरकार को पुलिस उपनिरीक्षक का एक पद किन्नर अभ्यर्थी के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर पुलिस सब इंस्पेक्टर पद की परीक्षा देने वाले किन्नर अभ्यर्थी ने मैट में याचिका दायर की है।  

मैट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2014 में सभी राज्य सरकारों को किन्नरों के लिए आरक्षण का प्रावधान करने का निर्देश दिया था। ऐसे में यह राज्य सरकार का दायित्व है कि वह किन्नरों के आरक्षण के लिए नीति तय करें। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उस पर बाध्यकारी है। फिर भी राज्य सरकार ने किन्नरों के आरक्षण को लेकर अब तक नीति नहीं तय की है। इस पर विश्वास नहीं होता है। मैट में एक ऐसे किन्नर (ट्रांसजेंडर)  अभ्यर्थी  की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई चल रही है जिसने 8 अक्टूबर 2022 को पुलिस सब इंस्पेक्टर पद के लिए परीक्षा दी है। 

अधिवक्ता क्रांति एलसी के माध्यम दायर आवेदन में तृतीय पंथी अभ्यर्थी ने दावा किया है कि कुछ समय बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर पद को लेकर ली गई परीक्षा का परिणाम घोषित किया जा सकता है लेकिन अब तक राज्य सरकार ने किन्नरों के आरक्षण को लेकर नीति नहीं तय की है। यह उसके हित को प्रभावित कर सकता है। इससे पहले सरकारी वकील ने कहा कि राज्य सरकार अभी तक किन्नरों से जुड़ी आरक्षण की नीति पर विचार कर रही है। अब तक न तो इसे अंतिम रूप दिया गया है और न ही इस पर निर्णायक फैसला किया गया है। 

इस तरह मैट की चेयरमैन मृदुला भाटकर ने मामले को लेकर राज्य  सरकार के पक्ष को सुनने के बाद अप्रसन्नता व्यक्त की। इसके साथ ही कहा कि आवेदनकर्ता (किन्नर) के लिए पुलिस उपनिरीक्षक का एक पद सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग की श्रेणी में आरक्षित रखा जाए। 

 

Created On :   8 Nov 2022 8:56 PM IST

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