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पचमढ़ी केंट से अतिक्रमण हटाने निर्देश पुनर्वास की योजना पेश करे राज्य सरकार - हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में माँगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि पचमढ़ी केंट बोर्ड के सीईओ और डिफेन्स इस्टेट ऑफिसर 10 दिन के भीतर पचमढ़ी केंट क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए होशंगाबाद कलेक्टर और एसपी से चर्चा कर रूपरेखा तैयार करें। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि तृतीय श्रेणी के अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास को लेकर एक माह में बजट प्रस्तुत करें, ताकि 77 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की योजना तैयार की जा सके। डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार पचमढ़ी केंट में स्थित बी-टू लैंड का नए सिरे से सर्वे कराए। सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाए कि बी-टू लैंड पर वास्तविक रूप से कितने लोग काबिज हैं। इसकी रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर डिवीजन बैंच के समक्ष प्रस्तुत की जाए। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पचमढ़ी केंट से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ पचमढ़ी केंट में रहने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास के लिए प्रयास किए जाएँगे। इस मामले में हस्तक्षेपकर्ता विमल कुमार अहिरवार की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरूद्दीन ने कहा कि पचमढ़ी में राज्य सरकार की 329 एकड़ बी-टू लैंड में अतिक्रमण है, राज्य सरकार की जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए। मामले में कोर्ट मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने विस्तृत आदेश जारी किया है।
Created On :   27 Feb 2021 3:16 PM IST