मैट को कार्यालय प्रदान करने के बारे में राज्य सरकार निर्णय ले

State government should take a decision about providing office to MAT
 मैट को कार्यालय प्रदान करने के बारे में राज्य सरकार निर्णय ले
हाईकोर्ट  मैट को कार्यालय प्रदान करने के बारे में राज्य सरकार निर्णय ले

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार महाराष्ट्र न्यायाधिकरण (मैट) को कार्यालय उपलब्ध कराने के लिए अदालत के आदेश की प्रतिक्षा करने की बजाय स्वयं इस बारे में निर्णय ले। हाईकोर्ट में मैट में रिक्त पदों व सुविधाओं के अभाव मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। गुरुवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान मैट की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमृत जोशी ने कहा कि मेट्रो के काम के चलते विधानभवन के निकट स्थित मैट के कार्यालय को नरिमन प्वाइंट की इमारत के पास स्थनांतरित किया गया है। शुरुआत में मैट के कार्यालय की जगह के लिए मुंबई मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) हर महीने करीब 33 लाख रुपए का भुगतान करता करता था। किंतु अब एमएमआरसीएल ने मेट्रो प्रोजेक्ट में विलंब के चलते वित्तीय अड़चनों के कारण कार्यालय का किराया देने में असमर्थता जाहिर की है और सरकार को किराए का भुगतान करने को कहा है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम दो सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई करेंगे लेकिन सरकार इस मामले में अदालत के आदेश का इंतजार न करे वह मैट के कार्यालय को लेकर खुद निर्णय ले। क्योंकि मैट का कामकाज चले यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेंदारी है। खंडपीठ ने कहा कि हम सरकार को क्यों कहे कि वह क्या करे। जो कुछ करना है वह खुद करे। इस दौरान मैट के वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि मैट के स्टाफ व तकनीकि समाग्री की जरुरत से जुड़े प्रस्तामव को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

 

Created On :   15 Sept 2022 8:53 PM IST

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