रेप पीड़िता का टू फिंगर टेस्ट खत्म करने की दिशा में कदम उठाए राज्य सरकार

State government should take steps to end two finger test of rape victim
रेप पीड़िता का टू फिंगर टेस्ट खत्म करने की दिशा में कदम उठाए राज्य सरकार
हाईकोर्ट रेप पीड़िता का टू फिंगर टेस्ट खत्म करने की दिशा में कदम उठाए राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शक्ति मिल में ही दुष्कर्म का शिकार हुई एक पीड़िता के मामले को लेकर दिए गए फैसले में कहा है कि राज्य सरकार दुष्कर्म पीड़िता की जांच के लिए अपनाए जाने वाले टू फिंगर टेस्ट को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए। न्यायमूर्ति साधना जाधव व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि यौन हमले का शिकार पीड़िता को इस मामले में सरकारी अस्पताल में टू फिंगर टेस्ट का सामना करना पड़ता है। यह टेस्ट पूरी तरह से अवैज्ञानिक है। इस टेस्ट की अतीत में भारी आलोचना की गई है। इसलिए हम अपेक्षा करते है कि राज्य सरकार टू फिंगर टेस्ट को खत्म करने का दिशा में कदम उठाएगी। इसके साथ ही खंडपीठ ने शक्ति मिल में ही एक टेलिफोन ऑपरेटर के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाए गए मोहम्मद शेख की ओर से की गई सजा के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया है।

शेख को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिसे शेख ने कोर्ट में चुनौती दी थी। अपील में  शेख ने कहा था कि इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराने में एक माह की देरी हुई है। अभियोजन पक्ष उस पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर पाया है। किंतु खंडपीठ ने आरोपी की ओर से अपील में दिए गए तर्कों को अस्वीकार कर दिया। इस दौरान सरकारी वकील डीएन साल्वी ने मामले को लेकर सत्र न्यायालय की ओर से दिए गए आदेश को न्याय संगत बताया। खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि है कि सत्र न्यायालय ने पीड़िता के टू फिंगर टेस्ट किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस टेस्ट की निंदा की है। इसलिए हम अपेक्षा करते है कि राज्य सरकार इस टेस्ट को खत्म करेगीं और दुष्कर्म पीड़िता की जांच को लेकर साल 2013 में जारी किए गए दिशा निर्देशों का कडाई से पालन करेंगी। 

 

Created On :   26 Nov 2021 8:04 PM IST

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