ग्लोबल टेंडर के जरिए एक करोड़ वैक्सीन खरीदेगी राज्य सरकार 

State government will buy one crore vaccine through global tender
ग्लोबल टेंडर के जरिए एक करोड़ वैक्सीन खरीदेगी राज्य सरकार 
ग्लोबल टेंडर के जरिए एक करोड़ वैक्सीन खरीदेगी राज्य सरकार 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार की ओर से शपथ-पत्र पेश कर बताया गया कि एक करोड़ कोरोना वैक्सीन ग्लोबल टेंडर के जरिए खरीदी जाएगी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बैंच ने शपथ-पत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए केन्द्र सरकार को वैक्सीन खरीदी संबंधी नियम को शिथिल करने का आदेश दिया है। स्टेट बार कौंसिल के सदस्य सुनील गुप्ता की याचिका पर जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता श्री कौरव ने कहा कि सरकार द्वारा एक करोड़ वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया जा रहा है। आगे की कार्रवाई ग्लोबल टेंडर की सफलता पर निर्भर करेगी। चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अभी तक 96 लाख वैक्सीन के डोज मिल चुके हैं। जिसमें से 86 लाख डोज लग चुके हैं। जनवरी 2022 तक सभी को वैक्सीन लगा दिए जाएँगे। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया कि वैक्सीन को एक करोड़ तक सीमित न रखकर 5 करोड़ तक लाया जाए। 
अन्य कंपनियों से भी वैक्सीन खरीदी  का करें प्रयास 
कोर्ट मित्र श्री नागरथ ने बताया कि पंजाब सरकार ने वैक्सीन खरीदी के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था, लेकिन मॉडर्ना और फाइजर ने कह दिया है कि वैक्सीन के मामले में वे केन्द्र सरकार के साथ डील करना चाहते हैं। इस पर डिवीजन बैंच ने कहा है कि जो कंपनियाँ अमेरिकी और यूरोपीय देशों के मापदंड पूरा करती हैं, उन कंपनियों से भी वैक्सीन खरीदने का प्रयास किया जाए। वैक्सीन खरीदी के लिए केन्द्र सरकार नियमों को भी शिथिल करे।
 साथ सभी खर्च वहन करेगी सरकार
मप्र हाईकोर्ट में सोमवार को महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि राज्य सरकार आष्युमान कार्डधारकों के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री नि:शुल्क कोविड उपचार योजना में दवाइयों के अलावा इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। महाधिवक्ता के इस अभिवचन के आधार पर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने इस संबंध में राज्य सरकार को स्पष्टीकरण जारी करने का अभिवचन देते हुए आवेदन का निराकरण कर दिया है।  नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से आवेदन दाखिल कर कहा गया कि आयुष्मान कार्डधारकों के लिए मुख्यमंत्री नि:शुल्क कोविड उपचार योजना में दवाइयों और इलाज के अन्य खर्च को शामिल नहीं किया गया है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि दवाई और अन्य खर्च शामिल नहीं होने से आयुष्मान कार्डधारकों को परेशानी हो रही है। डिवीजन बैंच ने महाधिवक्ता के अभिवचन के आधार पर आवेदन का निराकरण कर दिया है।

Created On :   25 May 2021 10:28 AM GMT

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