राणे के खिलाफ राज्य सरकार नहीं करेगी कड़ी कार्रवाई, नाशिक में दर्ज एफआईआर मामले में सुनवाई

State government will not take strict action against Rane
राणे के खिलाफ राज्य सरकार नहीं करेगी कड़ी कार्रवाई, नाशिक में दर्ज एफआईआर मामले में सुनवाई
सरकार का आश्वासन राणे के खिलाफ राज्य सरकार नहीं करेगी कड़ी कार्रवाई, नाशिक में दर्ज एफआईआर मामले में सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए गए विवादस्पद बयान को लेकर नाशिक में दर्ज किए गए मामले को लेकर राणे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। हाईकोर्ट में राणे की ओर से इस मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका में राणे ने इस प्रकरण में मुख्य रुप से गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील अमित देसाई ने कहा कि याचिकाकर्ता (राणे) के खिलाफ नाशिक में दर्ज की गई एफआईआर को लेकर सरकार की ओर से अब 17 सितंबर 2021 तक आगे कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

इस दौरान राणे की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने कहा कि याचिकाकर्ता के कथित बयान के आधार पर जहां-जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किए गए हैं उन्हें इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए। इस पर श्री देसाई ने कहा कि एक आम आदेश के जरिए सभी मामलों में गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। और इस विषय पर सरकार की ओर से आश्वासन भी नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि याचिका में सिर्फ नाशिक की एफआईआर का उल्लेख है। इस दौरान कोर्ट से आग्रह किया गया है कि याचिकाकर्ता को भविष्य में इस तरह के विवादास्पद व भड़काऊ बयान देने से रोका जाए। जिसका राणे के वकील ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मेरे मुवक्किल की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े अधिकार का विषय है। इसलिए याचिकाकर्ता भविष्य में कोई वकत्व नहीं करेंगे। इस बारे में अभी कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता है। मामले से  जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने इस बारे में कुछ कहने से इंकार कर दिया और मामले की सुनवाई 17 सितंबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। राणे को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।

राणे की गिरफ्तारी न्यायसंगत लेकिन हिरासत में रखने की जरुरत नहीं - महाड कोर्ट

जुबानी थप्पड’ से जुड़े विवाद में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार की आधी रात को जमानत देनेवाली महाड कोर्ट ने राणे की गिरफ्तारी को न्यायसंगत बताया है। लेकिन कहा कि है कि जिन धाराओं के तहत आरोपी (राणे) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उसमें आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरुरत नहीं है। इसलिए आरोपी को 15 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है लेकिन इस दौरान वे मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड न करें मैजिस्ट्रेट एसएस पाटील ने अपने जमानत आदेश मे यह बातें कही हैं। बुधवार को उपलब्ध विस्तृत जमानत आदेश के मुताबिक मैजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर जिन कारणों का उल्लेख किया है उसके मद्देनजर आरोपी (राणे) की गिरफ्तारी न्यायसंगत लग रही है लेकिन आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरुरत नहीं है। इसलिए पुलिस की ओर से आरोपी की पुलिस हिरासत की मांग को अस्वीकार किया जाता है। मैजिस्ट्रेट ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने केस डायरी ठीक ढंग तैयार नहीं किया। आरोपी के फरार होने की संभावना नहीं है। ऐसे में यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो अभियोजन पक्ष के मामले में कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।   हालांकि सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वे दोबारा इस तरह का विवादस्पद बयान देंगे। जिससे सामुदायिक सौहार्द बिगड़ेगा। 

Created On :   25 Aug 2021 6:29 PM IST

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