31 मार्च तक काम पर लौटे एसटी के हड़ताली कर्मचारी

State governments appeal again - ST striking employees returned to work by 31 March
31 मार्च तक काम पर लौटे एसटी के हड़ताली कर्मचारी
राज्य सरकार की फिर अपील  31 मार्च तक काम पर लौटे एसटी के हड़ताली कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने प्रदेश पांच महीनों से आंदोलन जारी रखने वाले महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल के कर्मचारियों को 31 मार्च तक काम पर लौटने के लिए एक बार फिर से आह्वान किया है। विधान परिषद में प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि यदि एसटी के कर्मचारी 31 मार्च तक काम पर लौटेंगे तो उनके खिलाफ की गई सभी कार्रवाई को वापस ले लिया जाएगा। एसटी के किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। शुक्रवार को परब ने एसटी कर्मचारियों के हड़ताल पर सदन में निवेदन दिया। परब ने कहा कि एसटी की हड़ताल खत्म होने के बाद ही कर्मचारियों से आर्थिक मांगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकेगी। परब ने कहा कि एसटी के 48 कर्मचारियों ने आत्महत्या की है। 19 कर्मचारियों की हादसों में मौत हो गई है। 95 कर्मचारियों की प्राकृतिक मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों ने आत्महत्या की है उनके परिजनों को सरकारी नौकरी देने लिए सहानभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इस बीच परब ने कहा कि एसटी प्रशासन को कक्षा 10 वीं की परीक्षा को देखते हुए स्कूल वाले मार्गों पर बसें चलाने के निर्देश दिए गए हैं। 

विधायक ने कहा परिवहन मंत्रीजी मेरी कार वापस करो

भुसावल से भाजपा विधायक संजय सावकारे ने शुक्रवार को विधानसभा में परिवहन मंत्री अनिल परब से मांग की कि उनकी कार एक बार फिर उनके नाम कर दी जाए। सावकारे ने कहा कि उनकी टोयोटो इनोवा कार को परिवहन मंत्री परब के नाम पर स्थानांतरित कर दी गई है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि कहा कि मंत्रीजी ने उन्हें पैसा भी नहीं दिया और अब कार भी उनके नाम पर नहीं है। ऐसे में परब या तो उन्हें पैसे दे दें या उनकी कार फिर उनके नाम कर दें। इसके बाद मंत्री परब ने जवाब देते हुए कहा कि सावकारे की कार उनके नाम पर किया जाना एक गंभीर मामला है। इस मामले में जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ उन्होंने आश्वासन दिया कि कार एक बार फिर सावकारे के नाम पर कर दी जाएगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले साल दिसंबर महीने में कार के दस्तावेज सावकारे के नाम से परब के नाम पर स्थानांतरित कर दिए गए थे जबकि ऐसा करते समय संबंधित व्यक्ति का परिवहन कार्यालय में होना जरूरी है। इस मामले के बाद जलगांव आरटीओ कार्यालय पर सवाल उठ रहे हैं। 

 

 

Created On :   25 March 2022 9:41 PM IST

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