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सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित (एसआईटी) करने की मांग को लेकर राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। फिलहाल सीबीआई देशमुख से जुड़े मामले की जांच कर रही है। सीबीआई जांच को लेकर सवाल व शिकायत करते हुए राज्य सरकार ने प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आग्रह किया था। किंतु हाईकोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस मांग पर भी विचार करने से मना कर दिया है, जिसमें सरकार ने सीबीआई की ओर से राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे व मौजूदा राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे को जारी समन को रद्द करने का निवेदन किया था। लिहाजा अब इन दोनों अधिकारियों से सीबीआई की पूछताछ का रास्ता साफ हो गया है। सीबीआई ने पूर्व मंत्री देशमुख से जुड़े तबादले व तैनाती से जुड़े प्रकरण को लेकर सवालों के जवाब देने के लिए सीबीआई ने पूर्व मुख्य सचिव कुंटे व पुलिस महानिदेशक पांडे को समन जारी किया था।
न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में राज्य सरकार को राहत नहीं प्रदान कर सकते हैं। खंडपीठ ने पूरे मामले से जुड़ी परिस्थिति के मद्देनजर कहा कि इस मामले में राज्य सरकार कुछ भी ऐसा नहीं दर्शा पाई है, जिसके आधार पर राज्य सरकार को राहत प्रदान की जा सके। हमारे सामने ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर सीबीआई की जांच को रोककर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया जाए। खंडपीठ ने कहा कि हमने इस मामले को लेकर जो मत व्यक्त किया है वह सिर्फ इस मामले तक सीमित है।
राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता डेरिस खंबाटा माध्यम से सीबीआई की ओर से कुंटे व पांडे को जारी समन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में सीबीआई के समन को दुर्भावनापूर्ण बताया गया था। राज्य के मुख्य सचिव रहे कुंटे वर्तमान में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे कार्यालय के प्रमुख सलाहकार हैं। याचिका में दावा किया गया था कि राज्य के मौजूदा पुलिस महानिदेशक पांडे का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। सीबीआई ने परेशान करने के इरादे से यह समन जारी किया है। श्री खंबाटा के मुताबित वर्तमान में सीबीआई के सुबोध जायसवाल खुद पूर्व मंत्री देशमुख के कार्यकाल में राज्य के पुलिस महानिदेशक थे। इसलिए वे खुद इस प्रकरण में भावी आरोपी हो सकते हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने अधिवक्ता खंबाटा की दलीलों को विरोध किया था और कहा था कि राज्य सरकार देशमुख मामले से जुड़ी जांच को पटरी से उतारना चाहती है। इसलिए सीबीआई की जांच में अवरोध पैदा कर रही है। सीबीआई ने किसी दुर्भावना से समन नहीं जारी किया है। इस तरह मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   15 Dec 2021 8:08 PM IST