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फसल बीमा योजना में 50% हो राज्य की हिस्सेदारी, उद्धव की कृषि मंत्री तोमर से मांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य का हिस्सा पहले की तरह 50 प्रतिशत करने की मांग की है। फिलहाल फसल बीमा योजना के लिए केंद्र सरकार 30 प्रतिशत और राज्य सरकार 70 प्रतिशत हिस्सा देती है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने पहले की तरह केंद्र सरकार से 50 प्रतिशत हिस्सा देने की मांग की है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री तोमर ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कृषि सुधारों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बीमा कंपनी का कार्यालय जिला स्तर पर होना चाहिए, जिससे किसान बीमा प्रतिनिधियों से सीधे संपर्क स्थापित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक से किसानों को समय पर कर्ज उपलब्ध होने के लिए केंद्र सरकार को उपाय योजना बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाफेड के माध्यम से अनाज और दाल खरीदी के लिए 25 प्रतिशत की मर्यादा की शर्त को रद्द करना चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए नए संस्थान बनाने की जरूरत है। महाराष्ट्र ने "जो बोएंगे वही बिकेगा’ की तर्ज पर कृषि क्षेत्र में काम शुरू किया है। कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए अध्यादेश का राज्य सरकार स्वागत करती है। बैठक में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आधारभूत सुविधा के लिए किसानों, किसान उत्पादक कंपनी और किसान समूहों को 1 प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फल बीमा का संशोधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा है। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए।
बैठक में शामिल हुए उद्धव और योगी
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विभिन्न राज्यों के कृषि व सहकारिता मंत्री शामिल हुए। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस बैठक में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा घोषित एक लाख करोड़ के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को लेकर भी विचार विमर्श हुआ।
‘एफपीओ में अधिकतम सदस्य संख्या हो 100’
बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे कृषि प्रधान देश में अन्नदाता की सुख समृद्धि के सपने अब हकीकत में बदल रहे हैं और इसमें महाराष्ट्र भी सहभागी है। उन्होने पीएम-फसल बीमा योजना में सुधार के सुझाव दिए ताकि किसानों को पूरा लाभ मिले। उन्होने एफपीओ में सदस्य संख्या अधिकतम 100 रखने का सुझाव भी दिया। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, किंतु कर्ज मुक्ति एक प्राथमिक उपचार है, हमें किसानों को उनके पैरों पर खड़े करने के लिए मूलभूत व्यवस्थाएं करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि एक लाख करोड़ रूपये के एग्री इंफ्रा फंड सहित अन्य योजनाओं में इस तरह के प्रावधान हैं। उन्होने अनुसंधान आधारित खेती पर जोर देते हुए कहा कि राज्यों में किसानों की कमेटी बनाकर संवाद किया जाए और केन्द्र के स्तर पर हर महीने बैठक की जाए।
किसान हितों को लेकर उप्र सरकार गंभीर : योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर किसानों के हित में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। उन्होने कहा कि पीएम किसान स्कीम में उत्तरप्रदेश में 2.14 करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ मिला है। 1.44 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड पहले से थे, 12 लाख नए बनाए हैं। 450 एफपीओ पहले से हैं, अब हर विकासखंड में एक-एक एफपीओ बना रहे हैं।
एग्री इंफ्रा फंड से छोटे किसानों का होगा भला : तोमर
इस मौके पर श्री तोमर ने कहा कि कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से गांवों खेतों तक निजी निवेश पहुंचाकर छोटे किसानों की भलाई का उद्देश्य है। फसल कटाई के बाद भंडारण, प्रोसेसिंग जैसी स्थायी व्यवस्थाओं के लिए ही एक लाख करोड़ की राशि प्रधानमंत्री ने दी है।
Created On :   27 Aug 2020 8:30 PM IST