आँकड़े तो कहते हैं महँगाई से मिली राहत पर असलियत कुछ और ही बयाँ कर रही

Statistics say that reality is doing something else on the relief from inflation
आँकड़े तो कहते हैं महँगाई से मिली राहत पर असलियत कुछ और ही बयाँ कर रही
आँकड़े तो कहते हैं महँगाई से मिली राहत पर असलियत कुछ और ही बयाँ कर रही

महँगाई की मार - पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ दिया घर का बजट, बीते माह से और ज्यादा महँगी हो गईं दालें तो गैस सिलेण्डर भी 25 रुपए महँगा मिल रहा 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय कहता है कि खुदरा महँगाई दर में कमी आई है और इससे जनता को बड़ी राहत मिली है। ये  दावे लगातार बढ़ती पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों की वजह से इस समय खोखले साबित हो रहे हैं। खान-पान से लेकर सब्जियों, दालों, पेट्रोल और दैनिक जीवन के सभी जरूरी सामानों की कीमतों में  किसी तरह की कमी होने की बजाय इनमें और इजाफा होता जा रहा है। दिसंबर, जनवरी के मुकाबले फरवरी में जनता को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है। परचून का सामान लेने जा रहा आदमी अब पैसों की ज्यादा चिंताओं के साथ बाजार पहुँचता है। लोगों का कहना है कि सरकार चाहे जो भी कहे। जिम्मेदार विभागों के आँकड़े और उनकी कुछ भी संख्या सामने रख दें पर हकीकत यही है कि आम आदमी लॉकडाउन के बाद से महँगाई से और अधिक हलाकान और परेशान है। 
इनका कहना है
अभी जो महँगाई एकदम से ज्यादा सामने आ रही है उसकी बड़ी वजह यही है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा एक वजह यह भी है कि राहत पैकेज जो घोषित किया गया था वह जनता तक सीधे तौर पर नहीं पहुँचा है। परिवहन बढऩे से महँगाई पर असर होना स्वाभाविक है। 
-डॉ. रोहित बलियानी, अर्थशास्त्री रादुविवि 

Created On :   15 Feb 2021 2:14 PM IST

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