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माइनिंग लीज के लंबित आवेदनों को निरस्त करने पर यथास्थिति का आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने माइनिंग लीज के लंबित आवेदनों को निरस्त करने पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने खान एवं खनिज संशोधन अधिनियम 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और भारतीय खान ब्यूरो को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 27 जुलाई को निर्धारित की गई है। हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएँ दायर कर केन्द्र सरकार के खान एवं खनिज संशोधन अधिनियम 2021 की धारा 10 (ए)(2)(बी) में संशोधन को चुनौती दी गई है। ये याचिकाएँ एसीसी सीमेंट विजयराघवगढ़ प्रिज्म सीमेंट एवं कटनी निवासी मीरा सिंह की ओर से दायर की गई हैं। याचिका में कहा गया है कि संशोधन के जरिए यह प्रावधान कर दिया है कि 28 मार्च 2021 के पूर्व स्वीकृत माइनिंग लीज ही मान्य होगी। इसके बाद के लंबित माइनिंग आवेदन निरस्त माने जाएँगे। वरिष्ठ अधिवक्ता रविन्द्र श्रीवास्तव, अक्षय धर्माधिकारी, संकल्प कोचर और अर्पण पवार ने याचिका में कहा कि याचिकाकर्ताओं को पहले से ही सरकार से पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति मिली हुई है। पूर्वेक्षण के उपरांत ही उन्होंने माइनिंग लीज के लिए आवेदन किया है, जो अभी भारतीय खान ब्यूरो के पास विचाराधीन है। भारतीय खान ब्यूरो को लंबित आवेदनों को निरस्त करने का अधिकार नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि संशोधन के जरिए पूर्व से लंबित आवेदनों को निरस्त करना असंवैधानिक है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने माइनिंग लीज के लंबित आवेदनों को निरस्त करने पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
Created On :   3 July 2021 5:31 PM IST