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टीईटी परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले 7874 अभ्यर्थियों के खिलाफ हुई सख्त कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद ने साल 2019 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में फर्जीवाड़ा करके उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। राज्य परीक्षा परिषद ने अनियमितता करके परीक्षा पास करने वाले 7874 अभ्यर्थियों के खिलाफ भविष्य में टीईटी परीक्षा देने पर रोक लगा दिया है। साथ ही इस परीक्षा के आधार पर मिली नौकरी भी गंवानी पड़ेगी। पुणे स्थित राज्य परीक्षा परिषद ने 3 अगस्त को इस संबंध में आदेश जारी किया है। इससे अब ये सभी अभ्यर्थी भविष्य में कभी टीईटी परीक्षा नहीं दे सकेंगे। इसके साथ ही टीईटी रिजल्ट के आधार पर जिन अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में सरकारी और निजी शिक्षा संस्थानों में नौकरी मिली है, उन्हें नौकरी गंवानी पड़ेगी। ऐसे शिक्षकों को निलंबित कर दिया जाएगा। इसके पहले 16 दिसंबर 2021 को टीईटी परीक्षा में हुई अनियमितता के मामले में पुणे शहर साइबर पुलिस स्टेशन में फौजदारी मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस जांच में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका की कड़ाई से जांच की गई। जिसमें 7874 अभ्यर्थियों के परीक्षा में अनियमितता के मामले का खुलासा हुआ। राज्य परीक्षा परिषद ने आदेश में कहा है कि मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनियमितता करके परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना सीधे रिजल्ट रद्द करने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर राज्य परीक्षा परिषद को नियमों के अनुसार अनियमितता करके उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ सजा निश्चित करने का पूरा अधिकार है। इसके आधार पर अभ्यर्थियों के रिजल्ट को रद्द कर टीईटी परीक्षा देने पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन अभ्यर्थियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
टीईटी परीक्षा देने वाले 7 हजार 500 अभ्यर्थियों के अंकों में हेराफेरी कर उन्हें पास कर दिया गया था। कई अभ्यर्था ऐसे भी हैं जिन्होंने परीक्षा में फेल होने के बाद पास होने का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया। कुल 7874 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया गया है। राज्य परीक्षा परिषद ने टीईटी परीक्षा के लिए अपात्र घोषित किए गए अभ्यर्थियों की सूची अपने बेवसाइट पर घोषित की है। इस सूची को प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजा गया है। इसके अनुसार दोनों शिक्षा निदेशक हर जिले में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संबंधित शिक्षणाधिकारी के पास सूची भेजेंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संबंधित शिक्षणाधिकारी सूची में शामिल शिक्षकों को खोजेंगे। इसके बाद संबंधित शिक्षकों को निलंबित कर दिया जाएगा। साल 2019 की टीईटी परीक्षा में 16 हजार 705 अभ्यर्थी पास हुए थे, जिसमें से 7874 अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करके उत्तीर्ण होने का रिजल्ट हासिल किया है।
Created On :   4 Aug 2022 9:13 PM IST