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बगैर गार्ड ट्रेन चलाने के मामले में सभी कर्मियों पर होगी सख्त कार्रवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर। बगैर गार्ड ट्रेन चलाने के मामले में गार्ड-चालक सहित आधा दर्जन कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। तीन दिन से चल रही जांच आज रेल मंडल कार्यालय में तलब हो गई। जांच रिपोर्ट में सभी को ड्यूटी पर लापरवाही बरतने का आरोप तय कर दिया गया है। रेल यात्रियों की सेफ्टी से हुए खिलवाड़ की गूंज पमरे मुख्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक में सुनाई देती रही।
बीते दिनों गाड़ी संख्या 12166 वाराणसी से एलटीटी जाने वाली सुपरफास्ट को बगैर किसी गार्ड के ही दौड़ा दिया गया था। इस ट्रेन को जबलपुर से गार्ड संजय गढ़वाल को इटारसी लेकर जाना था, जो समय पर स्टेशन नहीं पहुंचे। इस दौरान लापरवाही की हद तो तब पार हो गई, जब सभी कर्मचारी गहरी नींद में सोते रहे। इसी बीच प्लेटफार्म पर तैनात गार्ड, पेटी ठेकेदार कर्मचारी मनीष कुमार कोरी ट्रेन को बिना गार्ड के जाता देख सुपरफास्ट को मदन महल में रुकवाने सफल हो गया। इसके बाद मदन महल में ट्रेन के आधा घंटा रोके जाने पर गार्ड संजय गढ़वाल को बिना किसी परीक्षण के ही रवाना कर दिया गया। इस घटना के बाद रेल अफसरों ने जांच करने के आदेश दिए। तीन दिन तक चली जांच पड़ताल में सात कर्मचारियों के बयान को दर्ज किया गया। मंगलवार को रेल अफसरों की टीम ने रेल कर्मियों के दर्ज बयान रेल मंडल कार्यालय को सौंप दिए, जिसके बाद उसकी रिपोर्ट पमरे मुख्यालय को भी भेज दी गई है। सूत्रों ने बताया कि बिना गार्ड के ट्रेन चलाया जाना रेल दुर्घटना को न्यौता देने से कम नहीं है। यही वजह है कि पमरे मुख्यालय से रेलवे बोर्ड तक, इस पूरे मामले की आवाज गूंजती रही। रेल अफसरों की टीम ने जांच के दौरान लॉबी सुपरवाइजर रमेश वर्मा, गार्ड बुकिंग लिपिक आरआर त्रिपाठी, चालक आरके बरनवाल, सहायक चालक भारत भूषण, डिप्टी एसएस लईक अहमद सिद्दीकी, गार्ड संजय गढ़वाल, ड्यूटी से ऑफ हुए गार्ड एके सोनकिया को दोषी पाया गया है। रेलवे ने सभी विभाग को दोषी पाए जाने पर सातों कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है।
Created On :   20 Dec 2017 1:19 PM IST