छात्र को परीक्षा देने से रोका तो अटैक आने से हुई मौत, 300 रुपए बकाया थी फीस

student died due to heart attack after stopped to give exam
छात्र को परीक्षा देने से रोका तो अटैक आने से हुई मौत, 300 रुपए बकाया थी फीस
छात्र को परीक्षा देने से रोका तो अटैक आने से हुई मौत, 300 रुपए बकाया थी फीस

डिजिटल डेस्क सतना। सतना जिले में एक निजी कॉलेज की मनमानी के चलते एक होनहार की जान चली गई। बताया गया कि श्रीरामाकृष्णा कॉलेज प्रबंधन ने 300 रुपए की मामूली फीस न देने के कारण बीसीए छात्र को परीक्षा से वंचित कर दिया। भविष्य बर्वाद होने की चिंता पर छात्र को अटैक आ गया और कुछ देर में उसकी मौत हो गई। छात्र की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने गांव में चक्काजाम कर विरोध-प्रदर्शन चालू कर दिया है। चक्काजाम की वजह से सड़क पर दोनों और दो किमी की लंबी लाइन लग गई।
परिजनों का आरोप है कि छात्र की मौत के लिए श्रीरामाकृष्णा कॉलेज जिम्मेदार है। उसके खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं का मामला दर्ज होना चाहिए। जब तक जिला प्रशासन के जिम्मेदार लोग श्रीरामाकृष्णा कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करते तब तक चक्काजाम जारी रहेगा। 

ये है मामला 
मिली जानकारी के मुताबिक मोहनलाल पिता जीवनलाल साकेत 20 वर्ष निवासी अकहा थाना उचेहरा श्रीरामाकृष्णा कॉलेज में बीसीए का छात्र था। कॉलेज प्रबंधन द्वारा निर्धारित फीस मृतक मोहनलाल 25,700 रुपए जमा कर  चुका था। मात्र 300 रुपए देना शेष थे इसके  लिए उसको परीक्षा से वंचित कर दिया गया था। इसी बात को लेकर मोहनलाल परेशान था। भविष्य बर्वाद होने की चिंता  से शुक्रवार की सुबह हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मोहनलाल की मौत के लिए श्रीरामाकृष्णा कॉलेज जिम्मेदार है। छात्र की परीक्षा थी और वह फीस की पूरी राशि जमा न कर पाने की वजह से परीक्षा से वंचित कर दिया गया था। छात्र को परीक्षा का प्रवेश पत्र भी नहीं दिया गया था। 

ग्रामीणों ने अकहा में किया चक्काजाम 
मृतक मोहनलाल की मौत की खबर सुनकर आसपास के ग्रामीण एकत्र हो गए। सभी एक स्वर में कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए। फिर कुछ देर बाद परिवार के सदस्यों ने अकहा मुख्य मार्ग में मृतक का शव रखकर धरना-प्रदर्शन चालू कर दिया। देखते ही देखते दो किमी का जाम लग गया है। सूचना के बाद उचेहरा थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है। लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए है। 

Created On :   11 May 2018 1:58 PM IST

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