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विदर्भ के चीनी कारखानों के लिए गठित होगी अध्ययन समिति, सहकारिता मंत्री बालासाहब का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ के सहकारी चीनी कारखानों की समस्याओं के निराकरण और कारखानों को टिकाए रखने के बारे में नीति बनाने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर अध्ययन समिति का गठन किया जाए। प्रदेश के सहकारिता मंत्री बालासाहब पाटील ने यह निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मंत्रालय में पाटील की अध्यक्षता में यवतमाल के दारव्हा तहसील की जय किसान सहकारी चीनी कारखाना शुरू करने के संबंध में बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री माणिकराव ठाकरे, चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक अजित देशमुख मौजूद थे। पाटील ने कहा कि किसानों के हितों के लिए विदर्भ के सहकारी चीनी कारखाने को टिकाए रखना आवश्यक है। इस साल राज्य में गन्ने का उत्पादन बड़े पैमाने पर हुआ है। विदर्भ के किसान भी गन्ने की खेती कर रहे हैं। विदर्भ के सहकारी कारखानों की समस्याएं और मुश्किलों को दूर करके उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए सरकार कदम उठाएगी।
यवतमाल का जय किसान कारखाना शुरू करने मंगाए गए टेंडर
पाटील ने कहा कि यवतमाल का जय किसान सहकारी कारखाना साल 2009 से बंद है। यह कारखाना महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के कब्जे में है। इस कारखानों को बेचने अथवा किराए पर देने के लिए साल 2017 और साल 2022 में टेंडर मंगाए गए थे। लेकिन किसी ने टेंडर नहीं भरा था। फिलहाल इस कारखाने को बेचने अथवा किराए पर देने के लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से टेंडर जारी किए गए हैं। इच्छुक कंपनियों द्वारा टेंडर भरने के बाद उन्हें रियायत देने के लिए सरकार सहयोग करेगी।
Created On :   12 May 2022 8:31 PM IST