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सदन में सदस्यों को अब समय पर मिलेगा उत्तर, सचिवालय में उपसचिवों की उपस्थिति 100 प्रतिशत अनिवार्य
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा तत्कालीन मुख्य सचिव अजोय मेहता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के बाद अब प्रशासन मानसून अधिवेशन के लिए सचेत हो गया है। प्रशासन अब 7 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों का उत्तर समय पर विधानमंडल सचिवालय को उपलब्ध कराएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव संजय कुमार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों को व्यक्तिगत रूप से इस संबंध में ध्यान देने को कहा है। सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने इस संबंध में परिपत्र भी जारी किया है। जिसमें मुख्य सचिव ने कहा कि सदन में सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों पर कार्यवाही नहीं होने के कारण सदन में सदस्यों द्वारा नाराजगी जताई जाती है। इस संबंध में पीठासीन अधिकारी समय- समय पर बैठक बुलाकर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश देते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि सदन में सदस्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का निपटारा समय पर हो जाए। मुख्य सचिव ने मानसून सत्र के दौरान सचिवों को सदन की गैलरी में उपस्थिति अनिवार्य की है। उन्होंने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव अधिवेशन की अवधि में मुंबई में मौजूद रहने का कहा है। किसी अनिवार्य कारण से मुंबई से बाहर जाने के लिए सचिवों को मुख्य सचिव और संबंधित विभाग के मंत्री से पूर्व अनुमति लेनी होगी। इससे पहले बीते 2 मार्च को बजट अधिवेशन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पटोले पिछले साल के नागपुर के शीतकालीन सत्र में सदन के सदस्यों द्वारा उठाए गए औचित्य के मुद्दों का प्रशासन से उत्तर नहीं मिलने से मेहता पर नाराज हो गए थे। पटोले ने मेहता को सदन के कटघरे में खड़े रहने और सदस्यों से माफी मांगने का निर्देश दिया था। हालांकि बाद में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सरकार की तरफ से सदन में माफी मांगी थी। जिसके बाद पटोले ने अपना आदेश वापस ले लिया था।
सचिवालय में उपसचिवों की उपस्थिति 100 प्रतिशत अनिवार्य
आगामी 7 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून अधिवेशन के चलते महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय में उपसचिवों की उपस्थिति 100 प्रतिशत अनिवार्य कर दी गई है। विधानमंडल के दोनों सदनों के कामकाज सलाहकार समिति की 25 अगस्त को बुलाई गई, बैठक के दिन विधानमंडल सचिवालय के अवर सचिवों को भी 100 प्रतिशत क्षमता में उपस्थित रहना पड़ेगा। विधानमंडल सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसके अनुसार 7 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून अधिवेशन के कामकाज तात्कालिकता और जरूरत को ध्यान में रखते हुए विधानमंडल सचिवालय में उपसचिवों की 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का फैसला किया गया है। बाकी के कर्मचारियों के लिए पहले की तरह 15 प्रतिशत उपस्थिति का आदेश 31 अगस्त तक बरकरार रहेगा। इससे पहले पहले विधानमंडल सचिवालय ने कोरोना संकट के मद्देनजर अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति 15 प्रतिशत किया था। लेकिन मानसून अधिवेशन के चलते अब उपसचिवों की 100 प्रतिशत उपस्थिति कायम की गई है।
Created On :   22 Aug 2020 5:09 PM IST