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सुको ने डीआरटी और डीआरएटी के रिक्त पदों पर किया जवाब-तलब - अटॅार्नी जनरल कार्यालय और सॉलिसिटर जनरल को नोटिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) और ऋण वसूली अपीलीय प्राधिकरण (डीआरएटी) में पीठासीन अधिकारियों के रिक्त पदों के मामले अटॉर्नी जनरल कार्यालय एवं सॉलिसिटर जनरल को नोटिस जारी कर 6 अगस्त तक जवाब मांगा है। सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की डिवीजन बैंच ने मौखिक टिप्पणी करते हुए यह अत्यंत गंभीर विषय है कि ट्रिब्यूनल के पद खाली रहते है। ऐसे में उन्हें दूसरे राज्यों से अटैच कर दिया जाता है। जिससे अधिवक्ता और पक्षकार दोनों को परेशानी होती है, जो न्याय को असुलभ और असुविधाजनक कर देती है। यह विशेष अनुमति याचिका मप्र स्टेट बार कौंसिल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की है, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने जबलपुर डीआरटी को लखनऊ डीआरटी से अटैच करने पर स्थगन दिए जाने के संबंध में सुनवाई 20 अगस्त को निर्धारित की है। याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने जनवरी 2020 और हाल ही में 5 जुलाई 2021 को अधिसूचना जारी कर जबलपुर डीआरटी को लखनऊ डीआरटी के साथ अटैच कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता निधेश गुप्ता और अधिवक्ता िसद्द्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया कि केन्द्र सरकार ने डीआरटी 1993 की धारा 4 के विपरीत जाकर अधिसूचना जारी की है। इस धारा के तहत प्रदेश के बाहर डीआरटी संबंधी क्षेत्राधिकार को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को निर्धारित की गई है।
Created On :   3 Aug 2021 6:37 PM IST