सुको ने केन्द्र से कहा-अगर पद नहीं भरने तो ट्रिब्यूनल बंद कर दीजिए

Suko told the center - if the post is not filled, then stop the tribunal
सुको ने केन्द्र से कहा-अगर पद नहीं भरने तो ट्रिब्यूनल बंद कर दीजिए
सुको ने केन्द्र से कहा-अगर पद नहीं भरने तो ट्रिब्यूनल बंद कर दीजिए

ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों का मामला, मप्र स्टेट बार कौंसिल की याचिका
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
सुप्रीम कोर्ट  ने देश भर के महत्वपूर्ण ट्रिब्यूनलों में रिक्त पदों को लेकर केन्द्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की डिवीजन बैंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अगर पद नहीं भरने हैं तो ट्रिब्यूनल बंद कर दीजिए। उनकी व्यवस्था ही पक्षकारों को क्यों दी जाए। सुको ने केंद्र सरकार से 16 अगस्त तक इस आशय का जवाब माँगा है कि  देशभर के सभी महत्वपूर्ण ट्रिब्यूनलों  में रिक्त पड़े पदों को भरने के सम्बन्ध में क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को नियत की गई है।  सुको ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर 16 अगस्त तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं आती है तो केंद्र सरकार के अफसरों को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण माँगा जाएगा।  सॉलिसिटर जनरल ने आश्वस्त किया है कि ऐसी परिस्थितियाँ नहीं बनेंगी, वे कुछ न कुछ समाधान लेकर आएँगे। मप्र स्टेट बार काउंसिल की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें जबलपुर डीआरटी को लखनऊ डीआरटी से अटैच करने के मामले की सुनवाई 20 अगस्त को िनर्धारित की गई थी। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 5 जुलाई 2021 को आदेश जारी कर डीआरटी जबलपुर को डीआरटी लखनऊ से अटैच कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता निधेश गुप्ता और अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया कि जबलपुर डीआरटी में पीठासीन अधिकारी का पद एक साल से रिक्त है। केन्द्र सरकार ने ऋण राशि वसूली अधिनियम 1993 की धाराओं के विपरीत जाकर अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना पूरी तरह से अवैधानिक है। 
 

Created On :   7 Aug 2021 2:00 PM IST

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