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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा - मराठी भाषा के उपयोग का विरोध क्यों कर रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के साईन बोर्ड मराठी में लिखने के आदेश के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से सवाल किया कि आप मराठी भाषा के उपयोग का विरोध क्यों कर रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि इससे वहां के लोगों को मदद मिलेगी और नाम देखकर और लोग आपके पास आएंगे। आपको इससे समस्या क्यों हैं? याचिका में महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के नियम 35 की वैधता को चुनौती दी और सवाल उठाया कि क्या राज्य व्यापार और व्यवसाय के मामलों में अपनी आधिकारिक भाषा लागू कर सकता है। बीते 4 नवंबर को सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश पारित किया था। आज जब जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए आया तो जस्टिस जोसेफ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील को बताया कि प्रतिवादियों द्वारा स्थगन का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा है।
इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि मै स्थगन पत्र का विरोध करता हूं। उन्होंने अब तक कई बार स्थगन मांगा है। यह तीसरी बार है। इस पर जस्टिस जोसेफ ने अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश की ओर इशारा किया और कहा कि आपके पक्ष में कोई कठोर कदम नहीं उठाने का आदेश दिया है। यह आपके हितों का ख्याल रखेगा। इसके बाद जस्टिस नागरत्ना ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की कि, आप आप मराठी भाषा के उपयोग का विरोध क्यों कर रहे हैं? इससे वहां के लोगों को मदद मिलेगी और नाम देखकर और लोग आपके पास आएंगे। आपको इससे समस्या क्यों हैं? याचिकाकर्ता ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब स्थिति यह है कि नई सरकार न तो इसका समर्थन करती और न ही इसका विरोध करती नजर आना चाहती है। हालांकि, पीठ आज कोई आदेश पारित नहीं किया और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
Created On :   9 Dec 2022 10:36 PM IST