सुप्रीम कोर्ट का शिंदे सरकार के बीएमसी में पार्षदों की संख्या घटाने के फैसले में दखल देने से इंकार

Supreme Court refuses to interfere in Shinde governments decision
सुप्रीम कोर्ट का शिंदे सरकार के बीएमसी में पार्षदों की संख्या घटाने के फैसले में दखल देने से इंकार
राहत सुप्रीम कोर्ट का शिंदे सरकार के बीएमसी में पार्षदों की संख्या घटाने के फैसले में दखल देने से इंकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में पार्षदों की संख्या 236 से घटाकर 227 करने के एकनाथ शिंदे सरकार के फैसले में दखल देने से इंकार कर दिया है। बता दें कि राज्य की पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार ने बीएमसी में पार्षदों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने का फैसला लिया था। उद्धव ठाकरे गुट के नेता राजू पेडनेकर की शिंदे सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पेडनेकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत की दलील को सुनने के बाद कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट को पहले इस मुद्दे पर फैसला करने दें। हमें पहले हाईकोर्ट के आदेश का लाभ मिलेगा। अगर अधिक व्यथित होंगे तो आपके पास वापस यहां आने का विकल्प रहेगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद राज्य सरकार के दो सदस्यीय मंत्रिमंडल ने पिछली मविआ सरकार के बीएमसी में पार्षदों की संख्या को 236 करने तक बढाने के फैसले को पलट दिया था। इसकी संख्या घटाकर फिर 227 कर दी थी। सरकार के फैसले के तहत वार्ड की की सीमाएं 2017 के रूप में वापस आ जाएंगी, लेकिन एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं के लिए वार्डों को अंतिम रूप देने के लिए नई लॉटरी निकाली जाएगी। इसके साथ ही राज्य मंत्रिमंडल ने सभी स्थानीय निकायों के लिए सीटों में की गई वृद्धि के फैसले को पलट दिया था।
 

Created On :   19 Oct 2022 8:33 PM IST

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