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मास्टर प्लान में हर खसरे की जियोग्राफिकल इंफर्मेशन, बिल्डिंग फुट प्रिंट के साथ सर्वे पूरा
एक्सल शीट में जानकारी भरकर हैदराबाद एनआरएससी भेजी जाएगी जहाँ से बेसमैप तैयार होगा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर का नया मास्टर प्लान फिलहाल कागजों, कम्प्यूटर और तस्वीरों में कैद है। यह कब तक आकार लेगा इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। मध्यप्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी सेंटर के विशेषज्ञों की टीम ने शहर का सर्वे कराया और करीब ढाई लाख बिल्डिंग फुटप्रिंट एकत्र किए गए। इसके जरिए यह कहा जा सकता है कि अभी तक बिल्डर, कालोनाइजर और भू-माफिया खसरों का जो खेल कर रहे थे वह अब नहीं हो पाएगा, क्योंकि नया मास्टर प्लान जियोग्राफिक्स इंफर्मेशन सिस्टम वाला होगा और इसमें एक-एक इंच भूमि की सटीक जानकारी होगी।
सरकारी जमीनों का भी मैप होगा - सरकारी जमीनों की पहले से ही जमकर बंदरबाँट हुई है और अब प्रशासन अपनी भूमि को कब्जामुक्त कर रहा है। मास्टर प्लान में सरकारी भूमि का एक पूरा मैप होगा, जिससे यह पता चल सकेगा कि सरकार की कितनी भूमि मुक्त है और कितनी पर कब्जा हो चुका है।
योजनाओं पर फिलहाल प्लानिंग नहीं- टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों का कहना है कि नया मास्टर प्लान कैसा होगा, कौन सी योजनाएँ होंगी, यह सब भविष्य में तय किया जाएगा क्योंकि अभी हमारे पास बेसमैप ही नहीं है।
बताया जाता है कि अभी भोपाल के सूचना प्रौद्योगिकी सेंटर में तमाम जानकारियों को एक्सल शीट में भरा जा रहा है और उसके बाद यह पूरी जानकारी एनआरएससी हैदराबाद भेजी जाएगी। वहाँ से जब पूरा बेसमैप तैयार होकर आएगा उसके बाद शहर का मास्टर प्लान आकार लेगा।
आबादी के अनुसार बनेंगी योजनाएँ - शहर की आबादी पिछले 15 सालों में बहुत बढ़ चुकी है इसलिए अब सड़कों की चौड़ाई से लेकर कई आवश्यक सेवाओं तक में परिवर्तन करना होगा। जिन सड़कों की चौड़ाई पहले 120 फीट थी वो आज भी 60 से 70 फीट तक ही चौड़ी हो पाई हैं। ऐसे में आबादी के अनुसार आगे की जब रणनीति बनेगी तो शहर में जमकर तोडफ़ोड़ की संभावना रहेगी।
Created On :   5 Jan 2021 3:25 PM IST