निलंबित आईएएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को हाईकोर्ट से मिली राहत

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
अंतरिम राहत निलंबित आईएएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को हाईकोर्ट से मिली राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंगड़िया जबरन वसूली मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को बांबे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने त्रिपाठी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 15 नवंबर तक अंतरिम राहत दी है। इस दौरान पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती। साथ ही अदालत ने त्रिपाठी को 9 नवंबर को मामले से जुड़े जांच अधिकारी के सामने पेश होने के भी निर्देश दिए हैं। त्रिपाठी के वकील ने अदालत को भरोसा दिलाया कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि मामले में आरोपपत्र दायर की जा चुकी है। पुलिस को जांच के लिए त्रिपाठी का मोबाइल चाहिए तो हम देने के लिए तैयार हैं। पुलिस त्रिपाठी को भगोड़ा भी नहीं घोषित किया है। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे इसलिए हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है। हालांकि पुलिस ने मामले को गंभीर बताते हुए त्रिपाठी को हिरासत में लेकर पूछताछ को जरूरी बताया लेकिन दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने 15 नवंबर को मामले की होने वाली अगली सुनवाई तक त्रिपाठी को अंतरिम राहत दे दी। पिछले छह महीने से फरार त्रिपाठी को काफी मशक्कत के बाद अदालत से राहत मिली है। 

क्या है मामला

महानगर के एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में तैनात तीन पुलिसवालों को अंगड़िया के कर्मचारियों से पैसे छीनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामला आगे की जांच के लिए क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के हवाले कर दिया गया था। आंगड़िया के संगठन की ओर से आरोप लगाया गया था कि उस समय मुंबई के जोन 2 में बतौर उपायुक्त तैनात त्रिपाठी हर महीने 10 लाख रुपए हफ्ता मांग रहे थे। पैसे न देने पर वे आंगड़िया के कर्मचारियों को पकड़कर उसकी सूचना आयकर विभाग को देने की धमकी दे रहे थे। आरोप है कि पुलिसवाले त्रिपाठी के निर्देश पर ही आंगड़िया के कर्मचारियों से पैसे छीन रहे थे ये पैसे हवाला के जरिए लखनऊ भेजे जा रहे थे। मामले में त्रिपाठी के एक रिश्तेदार को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन त्रिपाठी फरार थे। 

 

Created On :   4 Nov 2022 9:21 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story