स्वर्णिम विजय मशाल को रेलवे आरपीएफ बैंड एवं रेल सुरक्षा बल ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

फूलों से सजी बोगी में स्वर्णिम विजय मशाल ने की रेल यात्रा स्वर्णिम विजय मशाल को रेलवे आरपीएफ बैंड एवं रेल सुरक्षा बल ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

डिजिटल डेस्क जबलपुर। ट्रेन की बोगी में 1971 का वह चित्र जिसमें पाकिस्तानी जनरल एके नियाजी ने 93,000 सैनिकों और नागरिकों के साथ भारतीय जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया था ...। युद्ध विजय की गाथा को अपने आप ही बयाँ कर रहा था। फूलों से सजी यह बोगी मानो खुले दिल से स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत कर रही हो। जी हाँ, बैंड की धुन पर स्वर्णिम विजय मशाल रेलवे स्टेशन प्लेट फॉर्म नं. 1 पर पहुँची, वहीं पूरे जोश और उत्साह के साथ विजय मशाल का स्वागत भी हुआ। यह अवसर था सोमवार को विजय मशाल के स्वागत समारोह अंतर्गत रेलवे स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम का। जहाँ ट्रेन की ओपन बोगी में विजय शाल को जबलपुर स्टेशन से मदन महल स्टेशन तक ले जाया गया, ट्रेन के सफर को विजय मशाल ने यादगार बनाया। रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक स्वर्णिम विजय मशाल सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मध्य भारत एरिया के लेफ्टिनेंट जनरल एस. मोहन, सेवा मेडल एवं विशेष सेवा मेडल ने पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता को सौंपी।
गार्ड ऑफ ऑनर भी
रेलवे के आरपीएफ बैंड एवं रेल सुरक्षा बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत समारोह की शुरुआत हुई। स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान में भारतीय सेना के अधिकारियों एवं रेलवे के अधिकारियों ने राष्ट्रीय गान भी गाया। इस स्वर्णिम विजय मशाल को पश्चिम मध्य रेल द्वारा और ऐतिहासिक बनाने के लिए जबलपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 01 से मदन महल स्टेशन तक ट्रेन को सेना के अधिकारी और महाप्रबंधक द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर सेना के कमांडेंट द ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट सेण्टर, ब्रिगेडियर राजीव चावला और रेलवे के अधिकारी प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त प्रदीप गुप्ता, मण्डल रेल प्रबंधक जबलपुर, संजय विस्वास के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
देशप्रेम से सजी प्रस्तुतियों से वेलकम
भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत की 50वीं वर्षगांठ के उत्सव के अतंर्गत स्वर्णिम विजय मशाल सीओडी जबलपुर पहुँची। जहाँ सीओडी के समादेशक ब्रिगेडियर एचएस चौहाने ने विजय मशाल ग्रहण की। मशाल को अनुष्ठानिक सम्मान भी दिया गया। गोल्डन विक्ट्री फ्लेम के वेलकम में सीओडी के स्टूडेंट्स ने राष्ट्रीयता और देश-प्रेम से सजी सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं। इस दौरान 1971 के युद्ध में शामिल हुए भूतपूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे।
 

Created On :   11 Oct 2021 2:19 PM GMT

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