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दिवाली पर सावधान : 6 महीने का दावा, डेढ़ महीने में ही सड़ गए रसगुल्ले

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पैक्ड फूड आयटम के रुप में रसगुल्ला बेचने वाली एक कंपनी ने अपने प्रोडक्ट की लाईफ तो 6 महीने बताई, लेकिन इसकी मैन्युफैक्चरिंग के डेढ़ महीने से भी कम समय में ही सामग्री की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं। केन्स नामक ब्रांड के नाम पर बिकने वाले यह रसगुल्ले शहर के सिविल लाईन क्षेत्र में स्थित रिलायंस फ्रैश में बिक रहे थे। रसगुल्लों की क्वालिटी के बारे में शिकायत मिलने पर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए सैम्पल लेकर स्टॉक जब्त कर लिया है।
खाद्य अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार, हिन्दू धर्म सेना के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने गत दिवस रिलायंस फ्रैश से रसगुल्लों के तीन दर्जन डब्बे खरीदे थे। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा कि डब्बा खोलकर जब धर्मसेना के कार्यकर्ताओं ने इसका सेवन किया तो उन्हें उल्टियां होने लगी। साथ ही डब्बा खुलते ही इसमें से बदबू भी आ रही थी। इसी की शिकायत मिलने पर खाद्य विभाग के अधिकारी स्टोर पहुंचे और चार से पांच डब्बों को खोलकर जांच की।
अधिकारियों ने जांच के दौरान जब भी डब्बा खोला तो इसमें से बदबू आ रही थी। इसके बाद अधिकारियों ने जांच का सैम्पल लेते हुए कंपनी के लगभग एक हजार डब्बे जब्त कर लिए। बताया जाता है कि डिब्बों पर मैन्युफैक्चरिंग डेट 5 सितम्बर 2017 अंकित थी। इसके साथ ही प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के लिए उत्पादन तारीख से 6 महीने तक का समय उपयुक्त होने की घोषण भी अंकित थी।
मिलावट के लिए नहीं पूर्णकालिक अधिकारी
इस बीच आम नागरिक मित्र फाउन्डेशन के सदस्यों ने कहा है कि खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को रोकने के लिए पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं है। जबकि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में पूर्णकालिक अधिकारी नियुक्त किए जाने थे। इस संबंध में आयोजित चर्चा के दौरान डॉ पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, विनोद सिसोदिया, डीआर लखेरा, राममिलन शर्मा आदि उपस्थित थे।
Created On :   16 Oct 2017 11:47 PM IST