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सेहत से खिलवाड़ : मिठाई बनाने गुजरात से आयात हो रहा मिलावटी मावा !

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। त्योहार का सीजन आने के साथ ही लोगों की सेहत से खिलवाड़ का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। खासतौर पर मिठाई व्यापारी लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मिठाई विक्रेता सस्ते दामों पर खोवे से बनी मिठाईयां बेच रहे हैं।
गौरतलब है कि खराब और नकली खोवे से बनी मिठाईयां सस्ते दामों पर बेची जा रही हैं। बताया जा रहा है कि शहर में गुजरात से मिलावटी खोवे का आयात किया जा रहा है। इस खोवे को बर्फी नाम से बेचा जाता है। कई मिष्ठान विक्रेता इसको पिघलाकर इससे कई प्रकार की मिठाईयां बनाते हैं और उसे खोवे की मिठाई के रुप में बेचते हैं। मिलावटी खोवा होने के कारण इससे मिठाई बनाने की लागत कम आती है और कई दुकान संचालक ग्राहकों को लुभाने के लिए सस्ते दाम का बहाना बनाकर इसे बेच देते हैं। शहर की कई दुकानों में मिलावटी व नकली खोवे की मिठाईयां बिकने के संदेह में गुरुवार को खाद्य एवं औषधि विभाग की एक टीम ने कई जगह छापा मारते हुए सैंपल एकत्र किए हैं।
खाद्य अधिकारी अमरीश दुबे ने बताया कि विभाग की टीम ने इंदिरा मार्केट एवं रांझी क्षेत्र की दुकानों में जाकर जांच-पड़ताल की और नमूने लिए गए। जांच के दौरान टीम ने इंदिरा मार्केट स्थित हनुमान स्वीट्स से खोवे का सैंपल लिया है। इसके अलावा रांझी क्षेत्र की बप्पा स्वीट्स से मिल्क केक, गांधी स्वीट्स से मलाई टिक्की और सोनाली स्वीट्स से पेड़े का सैंपल लिया गया है। सभी सैंपलों को जांच के लिए भोपाल भेजा जा रहा है। कार्रवाई के दौरान देवकी सोनवानी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कैसे बनता है मिलावटी खोवा ?
वर्तमान में जो मिलावटी खोवे की आवक हो रही है उसका उत्पादन गुजरात की कई फैक्ट्रियों में किया जा रहा है। मिलावटी खोवे को मिल्क पाउडर, वनस्पति, शक्कर, स्टेबलाईजर आदि मिलाकर तैयार किया जाता है। किसी को शक न हो इसीलिए इसे बर्फी या कुंदा नाम से व्यापारियों को बेचा जाता है। बताया जा रहा है कि बर्फी नामक इस मिलावटी खोवे को मोटी परतों में सिल्ली नुमा आकार दिया जाता है।
कैसे करते हैं उपयोग
व्यापारी इन सिल्ली नुमा आकार में खरीदे गए मिलावटी खोवे को पीसकर इसे गर्म कर पिघला लेते हैं। वनस्पति की मिलावट होने की वजह से यह आसानी से पिघल जाता है और फिर इसे विभिन्न आकार एवं प्रकार देकर मिठाई बनाते हैं, जिसे खोवे की मिठाई के नाम से बेचा जाता है। कुछ व्यापारी खोवे को पिघालते भी नहीं है, बल्कि सीधे काटकर इसे बेचने के लिए सजा कर रख लेते हैं।
कमाई का जरिया
मिलावटी खोवे की कीमत सौ से सवा सौ रुपए प्रतिकिलो है, जबकि वर्तमान में शुद्ध खोवे की बाजार में कीमत करीब दो सौ रुपए है। मिलावटी खोवे का उपयोग कर कई व्यापारी अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं। प्रतिकिलो 75 रुपए से लेकर सौ रुपए तक बचाने वाले कई प्रतिष्ठान ऐसे भी हैं जो सस्ती खोवे की मिठाई का दावा कर लोगों को मिलावटी मिठाईयां बेचते हैं।
Created On :   13 Oct 2017 8:12 AM IST