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सदन में चंद्रकांत पाटील को लेकर तटकरे का भ्रम टूटा, विपक्ष ने कसा तंज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में सोमवार को सदन के नेता व प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील के आग बबूला होने पर विपक्ष ने तंज कसा है। मंगलवार को सदन में राष्ट्रवादी कांग्रेस सदस्य सुनील तटकरे ने कहा कि मैं अब तक यही समझता था कि इस सरकार में पाटील सबसे शांत और संयम रखने वाले मंत्री हैं लेकिन सोमवार को पाटील का रुद्रावतार देखने के बाद मेरा भ्रम टूट गया। तटकरे ने कहा कि पाटील विपक्ष पर नहीं बिफरे थे उनका गुस्सा जेडीयू के सदस्य कपिल पाटील के बयान को लेकर भी नहीं था।
दरअसल पाटील भाजपा समर्थित सदस्य प्रशांत परिचारक के मामले में शिवसेना के आक्रामक रवैये के कारण भड़क गए थे। पाटील के आसपास बैठने वाले शिवसेना के मंत्रियों ने उन्हें जिस तरह मानसिक रूप से परेशान किया। इस कारण वे विपक्ष पर बिफर पड़े थे। इस दौरान विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि अब तो सदन में पाटील के सामने बोलने में डर लगने लगा है। क्योंकि पाटील सदन में विपक्ष के सदस्यों पर कब भड़क जाए। यह कहा नहीं जा सकता है।
दोनों सदनों में गूंजा औरंगाबाद कचरे का मामला
औरंगाबाद समेत प्रदेश के दूसरे जिलों में कचरे की बढ़ती समस्या के मद्देनजर विधान परिषद में ठोस कचरा प्रबंधन पर चर्चा होगी। सदन में सभापति रामराजे निंबालकर ने इस बारे में निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सदन में कांग्रेस सदस्य सुभाष झांबड ने औरंगाबाद की कचरे की समस्याओं को सदन में उठाया। मंगलवार को ही विधानसभा में राकांपा के अजित पवार ने यह मसला उठाया। झांबड ने कहा कि औरंगाबाद शहर में कचरे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
औरंगाबाद महानगर पालिका जिस गांव में कचरा फेंकने जा रही है, उस गांव के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। परिणामस्वरूप कूडे के ढेर के कारण शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है। सरकार को इस बारे में कोई ठोस फैसला लेना चाहिए। इस दौरान शेकाप के सदस्य जयंत पाटील ने भी शहरों में कचरे से जुड़ी समस्या को उठाया। इसके बाद सभापति ने कहा कि सदन में कचरा प्रबंधन के बारे में चर्चा कराई जाएगी।
मुंबई आने के लिए नाशिक से निकले 70 हजार किसान
विधान परिषद में शेकाप के सदस्य जयंत पाटील ने अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा नाशिक से मुंबई तक किसानों के मार्च का मुद्दा उठाया। पाटील ने कहा कि लगभग 60-70 हजार किसान मंगलवार को नाशिक से मुंबई के लिए रवाना हो चुके हैं। लगभग एक लाख किसान विभिन्न मांगों को लेकर 12 मार्च को विधानभवन का घेराव करेंगे। किसानों के नाशिक से मुंबई आने के दौरान सड़कों पर ट्रैफिक जाम समेत अन्य समस्याएं पैदा होंगी। इसके मद्देनजर सरकार को चाहिए कि वह किसानों के प्रतिनिधियों को बुला कर उनसे चर्चा करे।
Created On :   6 March 2018 8:58 PM IST