- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- बगैर नेट-सेट वाले शिक्षकों को भी...
बगैर नेट-सेट वाले शिक्षकों को भी मिलेगा पेंशन का लाभ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के गैर कृषि विश्वविद्यालयों और अशासकिय अनुदानित महाविद्यालयों मे बिना नेट-सेट वाले शिक्षकों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दी। जिन शिक्षकों की नियुक्ति 23 अक्टूबर 1992 से 3 अप्रैल 2000 के दौरान हुई है, उन्हें पेंशन मिलेगा। 18 अक्टूबर 2001 व 27 जून 2013 के शासनादेश के मुताबिक उपरोक्त कालावधि में नियुक्त होने वाले गैर नेट-सेट शिक्षकों को उनके मूल नियुक्ति दिनांक के अनुसार पेंशन दिया जाएगा।
कलाकारों को आर्थिक सहायता
कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना करने वाले प्रयोगात्मक कलाओं के कलाकारों और संस्थाओं को 34 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्य में प्रयोगात्मक कलाओं पर जीवनयापन करने वाले 56,000 एकल कलाकारों को पांच-पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए 28 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। जबकि प्रयोगात्मक कला क्षेत्र की 847 संस्थाओं को 6 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। मंत्रिमंडल ने कुल 34 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की मंजूरी दी है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने स्थानीय कलाकारों की चयन प्रक्रिया के लिए प्रशासनिक खर्च के रूप में 1 करोड़ रुपए खर्च को स्वीकृति दी है। इन कलाकारों का चयन समाचार पत्रों और अन्य माध्यम के जरिए विज्ञापन द्वारा आवेदन मंगाए जाएंगे। एकल कलाकारों के चयन के लिए जिलाधिकारी के स्तर की समिति कलाकारों का चयन करेगी। जबकि संस्थाओं का चयन राज्य के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय स्तर की समिति करेगी। निदेशालय की तरफ से पात्र कलाकारों के बैंक खाते में सहायता राशि जमा कराई जाएगी।
एनएपीडीडीआर योजना लागू करने को मंजूरी
क्रूज पर रेव पार्टी के उजागार होने के बाद अब राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की मादक पदार्थ सेवन प्रतिबंधात्मक राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) को महाराष्ट्र में लागू करने को मंजूरी दी है। महाराष्ट्र में एनएपीडीडीआर को साल 2023 तक लागू किया जाएगा। इस योजना के लिए 13 करोड़ 70 लाख रुपए खर्च सहित स्वीकृति दी गई है। योजना के लिए पूरी निधि केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग की ओर से राज्य में यह योजना लागू की जाएगी। इसके जरिए नागरिकों के बीच मदाक पदार्थों और शराब के सेवन को टालने, स्वास्थ्य, पोषण और गुणवत्ता में सुधार को लेकर जागरुक किया जाएगा।
Created On :   13 Oct 2021 9:04 PM IST