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ठाकरे गुट की ओर से फैसले पर पुनर्विचार के लिए 7 जजों की बेंच को मामला रेफर करने की मांग की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना में पड़ी दरार के मामले की सुनवाई 13 जनवरी को तय कर दी है। इस बीच मंगलवार को ठाकरे गुट की ओर से कोर्ट से मांग की है कि मामले को सात जजों की बेंच को रेफर किया जाए। ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नबाम रेबिया बनाम डिप्टि स्पीकर में संविधान पीठ द्वारा दिए गए 2016 के फैसले की सत्यता पर विचार करने के लिए 7 जजों की बेंच को रेफर करने की जरुरत है। कोर्ट इस पर 10 जनवरी को सुनवाई करेगा। सिब्बल ने पांच जजों की संवैधानिक पीठ, जिसमें देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल है, के समक्ष आज प्रस्तुत किया कि नबाम रेबिया केस में पांच जजों की पीठ ने फैसला सुनाया कि एक स्पीकर अयोग्यता की कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता है जब उसे हटाने का प्रस्ताव लंबित हो। इस मामले के मुद्दों में से एक स्पीकर को हटाने के संबंध में नबाम रेबिया के फैसले से संबंधित है। उस मुद्दे को 7 जजों के साथ निपटाया जा सकता है। हालांकि, पीठ ने उनकी इस मांग को खारिज किया और कहा कि वे इस संबंध में विस्तृत और उचित तरीके से लिखित मांग प्रस्तुत करें। उसके बाद ही आपकी दलील सुनी जाएगी। सीजेआई ने कहा कि मामले को 7 जजों की पीठ को भेजा जाए या नहीं यह पांच जजों की पीठ को तय करना है, लेकिन इस मुद्दे पर दलीलें दी जा सकती है। सिब्बल ने संदर्भ के मुद्दे पर प्रारंभिक सुनवाई का अनुरोध किया। तब सीजेआई ने दोनों पक्षों को इस मुद्दे पर संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करने के लिए कहा। एकनाथ शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल और महाराष्ट्र के राज्यपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सिब्बल के प्रस्ताव के जवाब में लिखित प्रस्तुतियां साझा करने पर सहमति व्यक्त की। ठाकरे गुट अब लिखित रूप में यह मांग पेश करेंगे। सीजेआई ने सिब्बल को दो हफ्ते के भीतर नोट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
Created On :   13 Dec 2022 7:53 PM IST